ताड़केश्वर महादेव मंदिर इतिहास, कहानी, कहाँ है

By | December 27, 2022

ताड़केश्वर महादेव मंदिर (Tadkeshwar temple jaipur)

हमारे दिन की शुरुआत भगवान की प्रार्थना से ही होती है और यह हमारे लिए रोजाना की परंपरा का एक हिस्सा माना जाता है. आज के युवाओं के सबसे प्रिय भगवान भोलेनाथ ही हैं. यदि आप श्रावण महीने में कहीं भी जाते हैं तो आपको भगवान भोलेनाथ का मंदिर के आसपास श्रावण महीने में बहुत जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है, यह भगवान भोलेनाथ के प्रति हमारी आस्था का प्रतीक है. वैसे तो भगवान भोलेनाथ को अनेकों नामों से जाना जाता है भगवान भोलेनाथ को शंकर, भोलेनाथ, ताड़केश्व,र नागेश्वर, गोरी पति, और भी नामों से जाना जाता है|

इनमें से भगवान शिव का एक नाम ताड़केश्वर महादेव भी है जो कि बहुत प्रचलित है. ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में स्थित है, जिसे जयपुर का ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) कहा जाता है. इस मंदिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि जयपुर की स्थापना से पूर्व भी इस मंदिर का अस्तित्व था|

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान शंकर जयपुर की स्थापना से पहले ही जयपुर शहर के बीचो-बीच स्वयं प्रकट हुए थे. जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) में श्रावण महीने में भगवान भोलेनाथ की अनेकों झांकियां और मोह लेने वाला श्रंगार भक्तों के लिए अति प्रिय है. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में उनके भक्तों का भारी संख्या में आना जाना लगा रहता है|

भक्त भगवान भोलेनाथ के श्रावण मास के इस स्वरूप को देखकर इतने मोहित हो जाते हैं की मंदिर में ही काफी दिनों तक रुक भी जाते हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जयपुर का तारकेश्वर नाथ मंदिर शमशान की भूमि पर बना है, कहा जाता है कि कभी यहां पर ताड़ का एक वृक्ष हुआ करता था और जिसके चलते ही भगवान शंकर के इस मंदिर का नाम ताड़केश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) रखा गया है. ताड़केश्वर महादेव के इस जयपुर स्थित मंदिर का निर्माण जयपुर की स्थापना के समय ही, जयपुर रियासत के विद्याधर भट्टाचार्य ने इस मंदिर की रूपरेखा तैयार करके करवाया था|

ताड़केश्वर महादेव मंदिर

ताड़केश्वर महादेव मंदिर (Tadkeshwar temple jaipur) का इतिहास

जयपुर के चौड़ा रास्ता के ताड़केश्वर महादेव के इतिहास की बात करें तो इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब जयपुर की स्थापना 1727 में हो रही थी, उससे पहले भी गुलाबी नगरी के इस ताड़केश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) का अस्तित्व था. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह शमशान की भूमि पर निकले एक शिवलिंग है, जो कि स्वयं ही भूमि से प्रकट हुआ था, क्योंकि यहां पर ताड़ का वृक्ष हुआ करता था, इसीलिए भगवान शिव शंभू के इस मंदिर का नाम भी ताड़केश्वर मंदिर रखा गया.

स्थानीय लोगों का इस मंदिर के बारे में मानना है कि एक बार अंबिकेश्वर महादेव मंदिर के व्यास सांगानेर जाते वक्त यहां पर रुके थे और उन्होंने ही भगवान शिव शंभू की यह शिवलिंग पहली बार देखी थी.
जयपुर के इस ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) के बारे में कहा जाता है कि जब भी किसी भोलेनाथ के भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है, तो भगवान भोलेनाथ के भक्त मंदिर में शुद्ध देसी घी तथा दूध से शिव जी की जलहरि भरते हैं.

भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग का व्यास 9 इंच है तथा शिवलिंग काले पत्थर से बनवाई गई है. भगवान भोलेनाथ के मंदिर के पास ही जगमोहन स्थित है. इस विशाल हॉल में 125 किलोग्राम की चार घंटे लगे हुए हैं. मंदिर की दीवारों पर आपको चित्रकारी देखने को मिलेगी जो की बहुत ही मनमोहक है. इस मंदिर में आपको भगवान शनिदेव का भी एक मंदिर देखने को मिलेगा.

भगवान महादेव की ताड़केश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) के जगमोहन के सामने ही आपको भगवान शिव के भक्त नंदी बैल की बहुत ही मनमोहक और आकर्षण पीतल से बनी प्रतिमा देखने को मिलेगी जो कि यहां आने वाले भक्तों की मुख्य आकर्षण का विषय है.

ताड़केश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) खुलने तथा बंद होने का समय

जब भी हम कहीं की यात्रा करते हैं तो हमें उस जगह के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है, जिससे कि हम अपनी यात्रा के दौरान किसी असुविधा का सामना ना कर सके. यदि आप जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur)भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, तो आपको इस मंदिर के खुलने का बंद होने के समय की जानकारी आवश्यक रूप से कर लेनी चाहिए, जिससे आपको किसी प्रकार की असावधानी ना हो.

भगवान भोलेनाथ का यह मंदिर सुबह 5:00 बजे खुलकर भक्तों के लिए शाम को 7:30 बजे तक खुला रहता है. इस दौरान आप मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं. ऑफिशियल रूप से मंदिर में होने वाली आरती के बारे में जानकारी नहीं है, परंतु कहा जाता है कि 12:00 बजे भगवान शिव की आरती होती है, जो कि बहुत ही मनमोहक लगती है. भोलेनाथ की ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) का दृश्य शाम को और भी मनभावन हो जाता है.

ताड़केश्वर महादे मंदिर (Tadkeshwar temple jaipur) के आसपास घूमने की जगह

जब भी हम कहीं घूमने जाते हैं तो हमें उस जगह के आसपास में पर्यटक स्थलों की जानकारी आवश्यक रूप से होनी चाहिए, क्योंकि यदि हम एक ही जगह घूमने जाते हैं तो हमें यात्रा का पूर्ण आंदन नहीं मिल पाता है ,लेकिन यदि आसपास की पर्यटक जगहों का भी भ्रमण कर सके तो वह हमारे लिए आनंददायक होता है. यदि आप अपने परिवार के साथ भगवान शिव के गुलाबी नगरी स्थित ताड़केश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) पधार रहे हैं तो आपको मंदिर के आसपास की कुछ पर्यटक जगहों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए, जो कि जयपुर आने वाले पर्यटकों द्वारा बहुत पसंद की जाती है.

  • जंतर मंतर जयपुर
  • सिटी पैलेस
  • हवा महल
  • त्रिपोलिया गेट
  • अजमेरी गेट
  • चांदपोल
  • दिगंबर जैन टेंपल
  • खोले के हनुमान जी
  • लाल डूंगरी दरवाजा
  • शहीद स्मारक
  • सिसोदिया रानी गार्डन
  • नाहरगढ़ का किला
  • श्री श्वेतांबर जैन सिमर पाल
  • म्यूजियम ऑफ लेगी सी
  • कालिका मंदिर
  • नंद महल
  • स्वामी मानसिंह टाउन हॉल
  • बृज नंदी मंदिर
  • श्री गोविंद देव जी मंदिर
  • मीरा जी का बाग

तारकेश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur)आने का बेहतरीन समय

जयपुर के तारकेश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) के दर्शन करने जयपुर पधार रहे हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान एक रेतीला प्रदेश है, जहां पर गर्मी के मौसम में अत्याधिक गर्मी रहती है. इस दौरान यहां का तापमान 40 डिग्री के भी ऊपर चला जाता है, इसलिए गर्मी के मौसम में यहां की यात्रा बिल्कुल भी सुखद अनुभव नहीं देगी, इसलिए आपको जयपुर घूमने के लिए सितंबर से फरवरी के बीच का समय चुनना चाहिए और यदि आप मुख्य रूप से ताड़केश्वर मंदिर दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, तो आपको हिंदी महीनों के अनुसार श्रावण महीना का चयन करना चाहिए. इस दौरान आप महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर आ सकते हैं और इस दौरान भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने का आनंद उठा सकते हैं. इस दौरान मंदिर में बहुत सी झांकियां और श्रद्धालुओं की अत्याधिक भीड़ देखने को मिलती है जहां चारों तरफ का वातावरण में बम बम भोले के जयकारे आपके मन मोहित कर लेंगे.

कैसे पहुंचे ताड़केश्वर महादे मंदिर (Tadkeshwar temple jaipur)

जब भी हम किसी धार्मिक स्थान के बारे में सुनते हैं तो हमें अक्सर यह फीलिंग आती है कि हम भी इस धार्मिक जगह के दर्शन करने का आनंद उठा सकें. यदि आप भी जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, तो आपको बता देंगे. राजस्थान के गुलाबी नगरी में स्थित इस मंदिर के दर्शन आप बहुत ही आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि जयपुर प्रदेश की राजधानी है यहां से हवाई मार्ग, सड़क मार्ग तथा रेल मार्ग तीनों ही मार्गो से जयपुर को देश के विभिन्न प्रदेशों से तथा प्रदेश के विभिन्न प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से जयपुर की यात्रा कर सकते हैं.

फ्लाइट से

यदि आप अपने परिवार के साथ ताड़केश्वर महादेव मंदिर फ्लाइट से आना चाहते हैं तो आपको बता दे की कि मंदिर आने के लिए आपको जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा. सांगानेर हवाई अड्डा देश के विभिन्न राज्यों तथा प्रमुख शहरों को जोड़ता है, जहां से आप आसानी से जयपुर पधार सकते हैं. सांगानेर हवाई अड्डे से आप ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) के लिए अपनी सुविधा अनुसार कैब बुक कर सकते हैं या फिर यहां चलने वाली सिटी बस या लो फ्लोर बसों की सहायता ले सकते हैं.

रेल मार्ग

जयपुर को प्रदेश के प्रमुख स्थानों से तथा प्रमुख प्रदेशों से रेल मार्ग द्वारा जोड़ा गया है. यदि आप भगवान शिव शंभू के तारकेश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) के दर्शन के लिए रेल मार्ग द्वारा आना चाहते हैं तो आप कहीं से भी जयपुर के जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन की यात्रा आसानी से कर सकते हैं. जहां से आप मंदिर दर्शन के लिए अपनी सुविधा अनुसार कैब या टैक्सी बुक कर सकते हैं और तारकेश्वर मंदिर के आसानी से दर्शन कर सकते हैं.

सड़क मार्ग

आप गुलाबी नगरी स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) सड़क मार्ग के जरिए आना चाहते हैं, तो आप सड़क मार्ग के जरिए भी आसानी से आ सकते हैं. जयपुर को विभिन्न प्रदेशों तथा प्रदेश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से जयपुर की यात्रा कर सकते हैं. जयपुर के जयपुर बस स्टैंड से आप ताड़केश्वर मंदिर(Tadkeshwar temple jaipur) की यात्रा के लिए अपनी सुविधा अनुसार बस, कैब की सहायता ले सकते हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *