बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगाएं: बागेश्वर धाम का मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। मंदिर में आने वाले सभी भक्त श्री हनुमान जी के समक्ष अपनी समस्या की अर्जी लगते है जिसके पश्चात उन्हें नि: शुल्क टोकन मिल जाता है और यह टोकन भगवान हनुमान जी में श्रद्धा रखने वाला कोई भी श्रद्धालु प्राप्त कर सकता है। टोकन में निर्धारित समय पर ही भक्तों को बागेश्वर बालाजी धाम पर जाना होता है, जहां पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भक्तो की समस्या सुनते हैं और भक्तों की समस्या का निवारण भी करते हैं। बागेश्वर धाम पधारने वाले भक्त मंदिर में होने वाली राम कथा के साथ ही भगवान हनुमान जी की प्रसादी का आनंद भी लेते हैं।
बागेश्वर धाम का रहस्य
बागेश्वर धाम मंदिर का इतिहास उस जमाने से है जब इंटरनेट की दुनिया इतनी विकसित नहीं थी। मंदिर में पीढ़ी दर पीढ़ी आनेको महान संत दरबार लगाया करते थे और लोगों की समस्याओं का समाधान किया करते थे। तब बागेश्वर धाम का यह मंदिर इतना चर्चा का विषय नहीं था, किंतु आज जब इंटरनेट की दुनिया है तो मंदिर से जुड़े कुछ चमत्कारिक तथ्यों के कारण मंदिर आए दिन चर्चा में रहता है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना तथा समस्या का निवारण मंदिर के पुजारी श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर्चा लिखकर भगवान हनुमान जी को अर्पित करते हैं और श्रद्धालुओं की समस्या का समाधान भी करते हैं।
बागेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं बालाजी तथा सन्यासी बाबा की कृपा से सभी मनोकामनाएं बहुत जल्दी पूर्ण हो जाती है इसलिए बागेश्वर धाम इतना चर्चित मंदिर है। पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी दरबार लगाया करते थे और धीरेंद्र शास्त्री मंदिर में पूजा पाठ किया करते थे और अपना अधिकतर समय अपने दादा गुरु की शरण में ही बिताया करते थे। धीरे–धीरे समय के साथ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने दादा गुरु के जैसे ही बागेश्वर धाम मैं दरबार लगाना तथा जनकल्याण करना आरंभ कर दिया इसके साथ ही राम कथा करने लगे जिससे कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आसपास के कई शहरों में बहुत पसंद किए जाने लगे और यहां लोगों की भीड़ जुटने लगी।
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगाएं बागेश्वर बालाजी मंदिर पहुंचकर
बागेश्वर बालाजी मंदिर में अपनी समस्या की अर्जी लगाने के लिए आपको बागेश्वर धाम बालाजी यात्रा करनी होती है मंदिर की यात्रा करने के पश्चात मंदिर में लाल कपड़े में नारियल बांधकर नारियल को उसी स्थान पर बांधना है जहां पर सभी परियों की नारियल ए बांधी जाती हैं नारियल बांधते समय आपको बागेश्वर धाम बालाजी का स्मरण अपने मन में आवश्यक रूप से करना है अर्जी लगाते समय बागेश्वर बालाजी का मन ही मन ध्यान करें और सच्चे मन से श्री हनुमान जी का जप करें और यदि आपने सच्चे मन से मंदिर में अर्जी लगाई होगी तो आपकी अर्जी मंदिर में आवश्यक रूप से स्वीकार्य होगी।
घर बैठे बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगाएं
आप अपने घर से ही बागेश्वर धाम के यहां अर्जी लगाना चाहते है तो, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार घर से अर्जी लगाने के लिए आपको सर्वप्रथम एक नारियल को लाल कपड़े में लपेटना है।नारियल को कपड़े में लपेटते समय अपने मन में अपनी समस्या का ध्यान करते हुए नारियल को लाल कपड़े से लपेटना है, जिसके बाद आपको “ओम बागेश्वराए नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए एक माला जप करनी है और लाल कपड़े में बंधी हुई इस नारियल को अपने पूजा स्थल पर रख देना है और इस तरह आप घर बैठे ही बागेश्वर धाम मंदिर में अपनी अर्जी लगा सकते है।
महत्वपूर्ण बातें
- बागेश्वर धाम सरकार में अर्जी लगाने के बाद नियमित रूप से 4 दिनों तक, आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा बागेश्वर धाम सरकार के मंत्र का जप करना चाहिए।
- अर्जी मंजूर होने पर लाल कपड़े में बंदी नारियल को अपने साथ बागेश्वर धाम आवश्यक ले जाएं। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो नारियल को यथा स्थान ही रहने दे।
बागेश्वर धाम में टोकन कब मिलेगा 2023
यदि आप बागेश्वर धाम मंदिर में लगने वाली दिव्य दरबार का टोकन लेना चाहते हैं तो आपको बता दें कि टोकन प्राप्त करने के लिए आपको बागेश्वर धाम जाना होता है क्योंकि इसके लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं है। टोकन प्राप्त करने के लिए आपको बागेश्वर धाम की फेसबुक पेज पर जानकारी दी जाती है जिसके अनुसार आपको मंदिर के टिकट काउंटर पर अपना नाम, मोबाइल नंबर तथा निवास स्थान का पता बता देना है जिसके पश्चात मंदिर संस्था और कार्य सेवकों द्वारा आपकी पर्ची डाली जाती है, जिसमें यदि आपका नाम निकलता है तो आपको मंदिर का टोकन उपलब्ध करा दिया जाता है और इसकी जानकारी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दी जाती है। जिन– जिन भक्तों का नाम बागेश्वर धाम टोकन के लिए चुना जाता है उन सभी भक्तों को संस्था द्वारा इसकी जानकारी दे दी जाती है।
बागेश्वर धाम की कथा
यदि आप बागेश्वर बालाजी की कथा सुनना चाहते हैं तो आप स्वर्ण मंदिर में होने वाली कथा को सुनने के लिए पहुंच सकते हैं इसके अलावा आप घर बैठे भी यूट्यूब के जरिए मंदिर की कथा आरती तथा दर्शन का अनुभव कर सकते हैं यूट्यूब पर बागेश्वर धाम मंदिर का अपना ऑफिशियल चैनल भी है जिसके जरिए आप बागेश्वर धाम कीकथा सुन सकते हैं इसके अलावा आप आस्था और संस्कार टीवी चैनलों पर भी मंदिर से जुड़ी कथा और आरती घर बैठे ही देख सकते हैं और आनंद ले सकते हैं|
बागेश्वर धाम महाराज का जीवन परिचय
बागेश्वर महाराज के जीवन के बारे में चर्चा करें तो महाराज का जन्म 1994 में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की राजनगर तहसील गड़ा गांव में हुआ था बचपन का नाम धीरू था तथा माता का नाम श्रीमती सरोज देवी और पिता का नाम पंडित श्री राम कृपाल जी था जो कि पेशे से एक ब्राह्मण पंडित थे और पूजा पाठ करके ही अपने घर खर्च चलाया करते थे। बागेश्वर महाराज अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गांव से पूरी की जिसके बाद उन्होंने नवी और ग्यारहवीं की शिक्षा गंज से प्राप्त की महाराज ने प्राइवेट कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की है महाराज का बचपन आर्थिक तंगी से गुजरा है जिस कारण से महाराज ने लगभग 10 से 11 वर्ष की आयु से कथा सुनाना शुरू कर दिया था।
बागेश्वर धाम के भजन
इन दिनों बागेश्वर धाम मीडिया में चर्चा विषयबना हुआ है और बागेश्वर धाम मंदिर में लगने वाले दिव्य दरबार की महिमा चारों तरफ फैल रही है और बागेश्वर धाम से जुड़े भजनों को भी बहुत अधिक पसंद किया जा रहा है। आज हम बात करेंगे बागेश्वर धाम मंदिर से जुडे हुए कुछ भजनों के बारे में जो कि भक्तों द्वारा बहुत पसंद किए जा रहे हैं और इन भजनों को आपको भी एक बार जरुर सुनना चाहिए।
1 “खबर मोरी लए रईयो, बागेश्वर गढ़ा के हनुमान”- https://youtu।be/dmfwbEifaFs
2 “चलो चलिये वागेश्वर धाम”।– https://youtu।be/rdmcN59wen4
3 “अरज मोरी सुन लइयो बागेश्वर के हनुमान” – https://youtu।be/AmZhPbbebMw
4 “श्री राम के दुलारे माँ अंजनी के प्यारे, बागेश्वर धाम सरकार के प्रिय शिष्य” – https://youtu।be/XQF0wwTm1WI
5 “संन्यासी बाबा की भभूति कमाल कर गई” – https://youtu।be/-Oxf-l5urgQ
Frequently Ask question (FAQ)
बागेश्वर धाम मंदिर कहा स्थित है?
बागेश्वर धाम का मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।
बागेश्वर धाम मंदिर के पुजारी का क्या नाम है?
बागेश्वर धाम मंदिर के पुजारी का नाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है जो की मंदिर में दिव्य दरबार लगते है और राम कथा भी सुनाते है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहा तक पढ़े हुए है?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज जी ने प्राइवेट b।a। किया है तथा आठवीं तक की पढ़ाई अपने ग्राम गड़ा में ही पूरी की थी जिसके बाद महाराज जी 9वी से 12वीं तक की पढ़ाई गंज से की है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज जी का जन्म कब और कहा हुआ था?
महाराज का जन्म 1994 में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की राजनगर तहसील गड़ा गांव में हुआ था बचपन का नाम धीरू था तथा माता का नाम श्रीमती सरोज देवी और पिता का नाम पंडित श्री राम कृपाल जी था जो कि पेशे से एक ब्राह्मण पंडित थे और पूजा पाठ करके ही अपने घर खर्च चलाया करते थे।
बागेश्वर धाम मंदिर का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट कोनसा है ?
बागेश्वर धाम मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो एयरपोर्ट है। जहां से मंदिर यात्रा के लिए आप अपनी सुविधा अनुसार कैब या टैक्सी बुक कर सकते हैं और अपनी मंदिर यात्रा पूरी कर सकते है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज जी ने कितने साल की उम्र में कथा सुनना शुरू किया था ?
महाराज का बचपन आर्थिक तंगी से गुजरा है जिस कारण से महाराज ने लगभग 10 से 11 वर्ष की आयु से कथा सुनाना शुरू कर दिया था।
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