26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? 26 january gantantra diwas 2023

By | January 21, 2023

26 january gantantra diwas 2023

26 january gantantra diwas: हमारे देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल 2023 में हम अपना 74 वा गणतंत्र दिवस मनाएंगे। गणतंत्र दिवस के दिन पूरे देश में बहुत ही धूम रहती है, जहां चारों तरफ लोग देश प्रेम की भावना रखते हैं, तो हर तरफ हमें तिरंगा लहराता हुआ दिखाई देता है। गणतंत्र दिवस के दिन स्कूलों में ध्वजारोहण किया जाता है। गणतंत्र दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति राजपथ नई दिल्ली में ध्वजारोहण करते हैं, इसके साथ गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण का विषय गणतन्त्र दिवस पर होने वाली परेड है, जो कि राजपथ दिल्ली से शुरू होती है और इंडिया गेट पर समाप्त होती है।

26 जनवरी के दिन भारतीय नौसेना, भारतीय वायु, सेना तथा भारतीय सेना, भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत परेड और एयर शो भी किए जाते हैं जो कि गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण का विषय है। इतना सब विशेष होने पर हमारे मन में यह सवाल जरूर उत्पन्न होता है कि आखिर गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं। इसके पीछे क्या कहानी जुड़ी हुई है तो आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे हमारे इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू जुड़ा हुआ है जिसकी चर्चा हम आज के हमारे इस आर्टिकल में आपके साथ करने वाले हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि गणतंत्र दिवस क्यों? कब, कैसे और कहां मनाया जाता है।

26 जनवरी क्यों मनाते है

जब भी हम किसी पर्व, त्योहार या दिवस को सेलिब्रेट करते हैं तो उसके पीछे कोई विशेष कारण जरूर जुड़ा हुआ रहता है जिसके कारण हम उस दिवस को सेलिब्रेट करते हैं।

बात करें 26 जनवरी को मनाने की तो संविधान सभा ने 9 दिसंबर 1946 को अपना पहला सत्र शुरू किया तथा 26 जनवरी 1949 को विधानसभा का अंतिम सत्र समाप्त हुआ, जिसके 1 साल बाद संविधान को अपनाया गया था। भारत देश को एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए 2 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 जनवरी 1950 को लागू संविधान लागू किया गया था।

26 जनवरी क्यों मनाते हैं? संपूर्ण स्वराज की घोषणा कब हुई थी ?

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 26 जनवरी 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत देश को एक संपूर्ण स्वराज घोषित किया था। इसलिए 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। साधारण तौर पर बात करें तो 26 जनवरी को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, जिसके अंतर्गत देश के सभी व्यवस्थाओं तथा देश की कानून व्यवस्था निर्धारित की गई थी। आज जिस भी कानून या नियम के तहत हम इस देश में स्वतंत्र रूप से निवास करते हैं, वह सब 26 जनवरी को लागू संविधान की ही देन है और इसीलिए 26 जनवरी को संविधान दिवस तथा गणतंत्र दिवस के रूप में भी बनाया जाता है।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस का इतिहास

26 जनवरी क्यों मनाते हैं: दिसंबर 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था, जिसमें यह घोषणा की गई थी कि भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद प्रदान नहीं करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाए, उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया।

26 जनवरी के दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा के साथ ही सक्रिय आंदोलन का भी शुभारंभ किया गया था और तब से लेकर आज तक हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत अंग्रेजों से 15 अगस्त को आजाद हुआ था जिसके बाद 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस के रूप में स्वीकार किया गया और संविधान सभा की घोषणा हुई। संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण पूर्ण कर लिया था। संविधान सभा ने अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का पूर्ण रूप से तैयार संविधान सुपुर्द कर दिया गया था। इसीलिए भी 26 जनवरी को हम अपने संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं।

26 जनवरी से लागू महत्वपूर्ण चीजें

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी जो कि अंग्रेजों के शासनकाल में भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा थी।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 31 दिसंबर 1929 को रावी नदी के तट पर पहली बार ध्वजारोहण कर 26 जनवरी को पूर्ण संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
  • हमारे देश के राष्ट्रीय चिन्ह याने कि सारनाथ के अशोक स्तंभ को भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह की मान्यता भी 1950 में 26 जनवरी के दिन ही मिली थी।
  • 26 जनवरी के दिन से ही भारत का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति जनता द्वारा चुना जाते है।
  • 26 जनवरी के दिन ही भारत में लागू अधिनियम 1935 को हटाकर भारतीय संविधान लागू किया गया था।
  • 26 जनवरी के दिन ही भारत का संविधान लागू हुआ जिससे देश के समस्त नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हुए।
  • 26 जनवरी के दिन से भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बना जिसके बाद देश के मालिक यहां के नागरिक हुए।
  • 26 जनवरी को ही पहली बार देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया गया था।

2023 में गणतंत्र दिवस पर कौन है मुख्य अतिथि?

26 जनवरी क्यों मनाते हैं? इस साल गणतंत्र दिवस को 23 जनवरी से पराक्रम दिवस के दिन से शुरू किया जाएगा जो की 26 जनवरी को विशेष दिन के रूप में मनाया जाएगा। साल 2023 में 26 जनवरी के मोके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। पिछले साल कोरोना के चलते किसी को भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित नहीं किया गया था।

26 जनवरी कैसे मनाते हैं?

26 जनवरी कैसे मनाते हैं?: 26 जनवरी के दिन देश में चारों तरफ देश भक्ति की भावनाओं की लहर होती है, हर तरफ देश प्रेम की भावना दिखाई पड़ती है। चारों तरफ देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराता हुआ दिखाई देता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं, जिसके बाद एक साथ सामूहिक रूप से खड़ी होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। राष्ट्रगान गाने के बाद राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी जाती है। गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सेनाओं द्वारा विशेष परेड का आयोजन भी किया जाता है।

26 जनवरी को क्यों रखा जाता है दो मिनट का मौन

इस दिन सेना की परेड राजपथ से शुरू होकर इंडिया गेट राष्ट्रपति भवन तक राजधानी दिल्ली में आयोजित की जाती है। गणतंत्र दिवस को होने वाली इस परेड में देश के हर कोने से राष्ट्रीय कैडेट कोर और विभिन्न विद्यालयों से छात्र भाग लेने आते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन देश के प्रधानमंत्री राजपथ के एक किनारे इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्पमाला अर्पित करते हैं और देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को याद करते हैं, उन सभी शहीद सैनिकों की याद में 2 मिनट का मौन रखा जाता है।

26 जनवरी पर आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रम

26 जनवरी को होने वाली परेड में देश के विभिन्न राज्य अपनी विशेष प्रदर्शनी प्रदर्शित करते हैं, जिसमें राज्य के लोकगीत, कला, संस्कृति का एक दृश्य चित्रण किया जाता है जो कि भारत की विविध सांस्कृतिक संपदा तथा सांस्कृतिक गौरव को दर्शाती है। गणतंत्र दिवस को होने वाले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा परेड का प्रदर्शन प्रसार राष्ट्रीय टेलीविजन पर भी होता है, जिसे देश के हर कोने से लोगों द्वारा देखा जाता है। गणतंत्र दिवस के के अवसर पर भारत दुनिया के विभिन्न देशों से हर बार विशेष अतिथि को भी आमंत्रित करता है, जिसमे किसी देश के प्रधानमंत्री या कोई भी व्यक्ति विशेष होता है।

26 जनवरी के इस पावन पर्व को देश और दुनिया में रहने वाले भारतयों के द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी को देश के हर कोने के साथ ही विश्व भर में रहने वाले भारतीय मूल के लोग बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, इनके साथ ही भारतीय दूतावास भी गणतंत्र दिवस को बहुत ही खुशी के साथ सेलिब्रेट करते हैं।

26 जनवरी को देश का माहौल

26 जनवरी को हमारे आसपास भी बडे ही धूम धाम से मनाया जाता है। गणतन्त्र दिवस  के दिन स्कूल में विशेष पर्व का आवोजन होता है, इस दोरान स्कूल में  विभिन्न सांस्कृतिक प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं तथा स्कूल में प्रधानाचार्य या प्रिंसिपल द्वारा ध्वजारोहण करके भाषण दिया जाता है, जिसमें गणतंत्र दिवस का महत्व तथा गणतंत्र दिवस के बारे में छात्रों को अवगत कराया जाता है। इन सबके बाद बूंदी बाटी जाती है और इस तरह गणतंत्र दिवस का यह पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आपके यहां गणतंत्र दिवस को कैसे सेलिब्रेट करते हैं आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

Frequently Ask question (FAQ)

Republic day को हिंदी में क्या कहते हैं ?

Republic day को हिंदी में गणतंत्र दिवस कहते हैं ।

26 जनवरी को कौन सा राष्ट्रीय पर्व होता है ?

26 जनवरी को हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र मनाया जाता है ।

26 जनवरी को क्या हुआ था ?

26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था ।

26 जनवरी को लालकिले पर  झंडा कौन फहराता है?

26 जनवरी को लाल किले पर झंडा हमारे देश के महामहिम राष्ट्रपति फहराते हैं ।

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