गोविंद देव जी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी
गोविंद देव जी मंदिर जयपुर शहर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और यह भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यहाँ श्रीकृष्ण को गोविंद देव के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है।
स्थान
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सिटी पैलेस, जलैब चौक, जयपुर, राजस्थान
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जयपुर के केंद्र में स्थित, सभी परिवहन सुविधाओं से आसानी से पहुँचा जा सकता है
गोविंद देव जी मंदिर के कुछ रोचक तथ्य
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मंदिर में कभी घी का दीपक बुझता नहीं — यह अखंड ज्योति कहलाती है।
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यह मंदिर सप्त देवालयों में से एक है जो वृंदावन से जुड़े हुए हैं।
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यहाँ की भक्ति परंपरा गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय से जुड़ी हुई मानी जाती है।
भगवान गोविंद देव जी कौन हैं?
गोविंद देव जी भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप हैं। यह रूप बाल श्रीकृष्ण के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यह मूर्ति भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र बजरानाभ ने बनाई थी, जो भगवान श्रीकृष्ण की दादी (रोहिणी माता) के वर्णन के आधार पर बनाई गई थी।
गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है। यह मंदिर जलैब चौक के पास है और यह मंदिर अपने दिव्य वातावरण, भजन-संकीर्तन और हर समय मौजूद श्रद्धालुओं के कारण एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
मंदिर के दर्शन (झांकी) के समय
दर्शन / झांकी | समय |
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मंगला आरती | सुबह 4:30 – 5:00 बजे |
धूप झांकी | सुबह 7:30 – 8:45 बजे |
श्रृंगार झांकी | सुबह 9:30 – 10:15 बजे |
राजभोग झांकी | सुबह 11:15 – 11:45 बजे |
उठापन झांकी | शाम 5:45 – 6:15 बजे |
संध्या झांकी | शाम 6:45 – 7:30 बजे |
शयन झांकी | रात 8:45 – 9:00 बजे |
त्योहारों पर समय में परिवर्तन संभव है।
इतिहास
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यह मंदिर महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था।
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गोविंद देव जी की मूर्ति वृंदावन से लाई गई थी।
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यह मूर्ति बजरानाभ (भगवान कृष्ण के प्रपौत्र) द्वारा बनाई गई थी, जिन्होंने भगवान कृष्ण की दादी की बातों के आधार पर उनकी मूर्ति बनाई।
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राजा ने इसे अपने महल से सीधी दर्शन योग्य बनवाया था।
पौराणिक मान्यता
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ऐसा माना जाता है कि गोविंद देव जी की मूर्ति भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र बजरानाभ द्वारा बनाई गई थी।
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यह मूर्ति वृंदावन से लाकर जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने मंदिर में स्थापित की थी।
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राजा ने मंदिर को ऐसे स्थान पर बनवाया था जिससे वे अपने महल से ही भगवान के दर्शन कर सकें।
धार्मिक विशेषताएँ
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यह मंदिर सप्त देवालयों (सात प्रमुख कृष्ण मंदिरों) में से एक माना जाता है।
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मंदिर में रोज़ाना हज़ारों श्रद्धालु आते हैं।
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हर झांकी में भगवान को नए वस्त्र और अलंकारों से सजाया जाता है।
वास्तुकला
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यह मंदिर राजस्थानी, मुग़ल और राजपूताना शैली का अद्भुत संगम है।
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छत और दीवारों पर गोल्ड लीफ, शीशे का काम और भित्तिचित्र सजावट की गई है।
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गर्भगृह में श्री गोविंद देव जी और राधा रानी की सुंदर मूर्तियाँ विराजमान हैं।
मंदिर की विशेषता
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यह मंदिर सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और विशेष रूप से इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहां के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने इस मंदिर को अपने महल से सीधी दृष्टि में बनवाया था ताकि वह प्रतिदिन घर बैठे भी भगवान के दर्शन कर सकें।
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मंदिर की छतों और दीवारों पर सोने की परत, शीशे का काम, और सुंदर राजस्थानी चित्रकारी की गई है।
भारी भीड़ और आस्था
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मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।
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विशेष अवसरों पर (जैसे जन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, दीपावली) यहाँ लाखों की संख्या में भक्त एकत्र होते हैं।
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भक्तजन यहाँ भगवान को “ठाकुर जी” कहकर संबोधित करते हैं।
भक्ति संगीत और झांकी
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हर दर्शन (झांकी) के समय भजन-कीर्तन, मृदंग, झालर, और ढोल के साथ माहौल पूरी तरह भक्तिमय होता है।
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हर झांकी के साथ भगवान को नए वस्त्र और आभूषणों में सजाया जाता है।
श्रृंगार और सजावट
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भगवान का श्रृंगार रोज बदलता है, और त्योहारों पर फूलों, गहनों, और वस्त्रों से अद्भुत सजावट की जाती है।
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विशेष पर्वों पर फूलों की होली, झूला उत्सव, राजभोग भोग जैसे आयोजन होते हैं।
दान और सेवा व्यवस्था
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मंदिर में दान पेटियाँ, सेवा रजिस्टर, और भक्तजन सेवक होते हैं।
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भक्तगण पूजा सामग्री, दान, सेवा (झाड़ू लगाना, पानी पिलाना) जैसी सेवा कर सकते हैं।
प्रमुख त्योहार
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जन्माष्टमी
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राधा अष्टमी
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फूलों की होली
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गोवर्धन पूजा
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दीपावली
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झूला उत्सव
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कार्तिक पूर्णिमा
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अन्नकूट
त्योहारों पर लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
धार्मिक महत्व
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यह मंदिर सात प्रमुख ठाकुर मंदिरों (सप्त देवालय) में से एक है।
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यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की सच्ची मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
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विशेष रूप से सोमवार और गुरुवार को भारी भीड़ रहती है।
कैसे पहुँचे?
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बस / टैक्सी / ऑटो: जयपुर के किसी भी कोने से आसानी से उपलब्ध
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रेलवे स्टेशन: जयपुर जंक्शन से 5 किमी दूर
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हवाई अड्डा: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लगभग 12 किमी
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मेट्रो: निकटतम स्टेशन — बड़ी चौपड़
सुविधाएँ
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मुफ़्त प्रसाद वितरण
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बैठने की व्यवस्था, जूता स्टैंड, शुद्ध पेयजल
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स्वच्छ शौचालय, सुरक्षा कर्मी, स्वयंसेवक सहायता
फोटोग्राफी
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मंदिर परिसर में मोबाइल फोटोग्राफी की अनुमति है
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गर्भगृह में फोटोग्राफी वर्जित है
संपर्क विवरण
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मंदिर कार्यालय: +91-141-2619419 (स्थानीय रूप से पुष्टि करें)
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गूगल मैप लिंक: Govind Dev Ji Temple
टिप्स यात्रियों के लिए
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मंगला आरती के लिए सुबह जल्दी पहुँचें (अति शांत और आध्यात्मिक)
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त्योहारों पर भीड़ से बचने के लिए समय से पहुँचें
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प्रसाद लेना न भूलें और साथ ही सिटी पैलेस और जन्तर-मन्तर का भी दर्शन करें
निकटवर्ती दर्शनीय स्थल
यदि आप गोविंद देव जी मंदिर आने का विचार कर रहे हैं, तो पास में ये जगहें भी जरूर देखें:
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सिटी पैलेस
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जन्तर मन्तर
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हवा महल
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बड़ी चौपड़ मार्केट
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अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम
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जल महल (थोड़ी दूरी पर)
प्रसाद और बाज़ार
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मंदिर के पास प्रसाद, पूजा सामग्री, और कृष्ण से जुड़ी वस्तुओं की दुकानें मौजूद हैं।
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मंदिर परिसर में बैठने और खाने की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।