नीमच माता मंदिर उदयपुर राजस्थान (Neemach Mata Temple)
राजस्थान में जहां एक तरफ रेतीले टीले हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान अपने इतिहास और यहां के संस्कृति और रीति-रिवाजों के कारण पूरी दुनिया में अपना विशेष स्थान रखता है, राजस्थान की हस्तशिल्प कला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और पूरी दुनिया में इस कला के लाखों दीवाने हैं जिसे देखने के लिए देश-विदेश से हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक राजस्थान भ्रमण के लिए आते रहते है.
राजस्थान का इतिहास यहां के वीर सपूतों की गाथाओं से भरा हुआ है. राजस्थान में प्राचीन इमारतें और प्राचीन सनातन धर्म से जुड़े हुए काफी मंदिर स्थित है, जो कि यहां के इतिहास का परिचय करवाते हैं. राजस्थान का खानपान तथा यहां का पहनावा दुनिया के लिए आश्चर्य कर देने वाला विषय है. राजस्थान में जहां तापमान गर्मी के समय में 40 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है और वहां पर लोगों का जीवन यापन करना, यह भी देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों के लिए एक आश्चर्य का विषय है.
वैसे तो राजस्थान में काफी प्राचीन मंदिर और इमारतें स्थित हैं, जिन्हें देखने के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक आते रहते हैं, लेकिन राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) अपनी विशेष पहचान रखता है. यह मंदिर फतेहसागर झील के पास देवली पहाड़ी पर बनाया गया है, जो कि फतेहसागर झील से केवल मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. देवली पहाड़ी उदयपुर शहर की सबसे ऊंची शिखर है इसकी यात्रा आपको पैदल ही करनी होती है. इस मंदिर का निर्माण 1652 ईस्वी में शुरू हुआ था जो कि 1680 ईस्वी में बनकर तैयार हो गया था. यहां के स्थानीय लोगों की नीमच माता के मंदिर में विशेष आस्था है, इसीलिए यहां के स्थानीय लोग लगातार नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) में आते रहते हैं इनके साथ ही देश और दुनिया से भी अनेकों श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए आते रहते हैं.
यदि आप राजस्थान के किस शहर की यात्रा करने के लिए राजस्थान पधार रहे हैं तो आपको एक बार उदयपुर शहर के देवली पहाड़ी पर स्थित नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) के दर्शन भी आवश्यक रूप से करने चाहिए. यह मंदिर आपको यात्रा का अलग ही आनंद उपलब्ध करवाएगा. आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश करेंगे, जिससे कि आपको यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े.
मंदिर का फोन नंबर- 085600 62651
फेशबुक – NA
मंदिर का पूरा पता – JM7G+788, Fateh Sagar Rd, Shilpgram, Udaipur, Rajasthan 313001
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी- 7.5 KM
बस स्टेशन से दूरी – 3.3 KM
नीमच माता मंदिर का इतिहास (Neemach Mata Temple)
जब भी हम किसी शहर विशेष की यात्रा करते हैं तो हम उस शहर का और हमारे गंतव्य स्थान के इतिहास के बारे में जानकारी आवश्यक रूप से जुटाते हैं, इतिहास के बारे में पता होने पर हम वहां उपलब्ध सभी स्थानों तथा वस्तुओं को विशेष नजरिए से देखते हैं, और कहते हैं कि नजरिया बदलने से नजारा बदल जाता है, इसीलिए इतिहास पता होने पर हमें अपने पर्यटक स्थान को देखने का एक अलग ही आनंद मिलता है, इसीलिए किसी भी स्थान विशेष की यात्रा करने से पहले हमें उसके इतिहास के बारे में आवश्यक रूप से जानकारी कर लेनी चाहिए. यदि हम बात करें देवली पहाड़ी पर स्थित नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) की तो मंदिर के बारे में कहा जाता है कि पहाड़ी पर एक नीम के पेड़ से माता स्वयं प्रकट हुई थी इसीलिए इस मंदिर का नाम नीमचा माता रखा गया.
नीमचा माता के मंदिर का निर्माण 1652 ईस्वी में शुरू हुआ जो कि 1680 ईसवी में समाप्त हो गया था. उदयपुर शहर के नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) का निर्माण उदयपुर शहर के तत्कालीन शासक महाराणा रणजीत सिंह प्रथम ने करवाया था. स्थानीय लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है इसीलिए मंदिर में हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई रहती है और यहां देश और दुनिया से हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक माता के दर्शन के लिए आते रहते हैं.
नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) जाने के लिए सबसे बेहतरीन समय
जब भी हम किसी स्थान विशेष की यात्रा करते हैं तो हम वहां के मौसम तथा वहां के वातावरण के बारे में आवश्यक रूप से जानकारी करते हैं क्योंकि हमारी यात्रा के दौरान हमें सफर के दौरान जरूरत की वस्तुएं भी अपने साथ ले जानी होती है, इसीलिए मौसम और वातावरण की जानकारी हमें आवश्यक रूप से करनी होती है. यदि आप राजस्थान प्रदेश के किसी भी शहर की यात्रा कर रहे हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान प्रदेश वैसे तो एक रेतीला प्रदेश है, जहां पर अधिकांश समय गर्मी का मौसम रहता है. गर्मी के दौरान राजस्थान का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड से भी ऊपर चला जाता है और इस दौरान तेज गर्म धूल भरी आंधियां चलती है जो कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बिल्कुल भी असहज होती है. इसीलिए राजस्थान के किसी भी प्रदेश की यात्रा करने के लिए आपको अक्टूबर से मार्च का समय चुनना चाहिए, इस दौरान राजस्थान में सर्दी का मौसम रहता है और क्योंकि बारिश भी कुछ ही महीने पहले होती है तो आपको हरियाली के साथ-साथ राजस्थान की सर्दी का आनंद भी मिल सकेगा. इसीलिए आपको राजस्थान के किसी भी शहर की यात्रा के दौरान अक्टूबर से मार्च के बीच का समय चुनना चाहिए.
कैसे पहुंचे नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple)
जब भी हम किसी शहर यह किसी पर्यटक स्थल का भ्रमण करने जाते हैं तो हम वहां के उपलब्ध सभी परिवहन के साधनों तथा मार्गों के बारे में जानकारी जरुर जुटाते हैं जिससे कि हमें अपनी यात्रा के दौरान किसी भी तरह की किसी समस्या का सामना ना करना पड़े. यदि आप राजस्थान के उदयपुर शहर की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि आप राजस्थान प्रदेश के उदयपुर शहर की यात्रा हवाई मार्ग, रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग द्वारा बहुत ही आसानी से यात्रा कर सकते हैं. आपको शहर की यात्रा के लिए तीनों ही मार्ग उपलब्ध है और आप इन मार्गों के जरिए आसानी से उदयपुर शहर की यात्रा कर सकते हैं और अपने गंतव्य पर घूमने का आनंद उठा सकते हैं.
फ्लाइट से
जब भी हम किसी स्थान विशेष की यात्रा करते हैं तो हम यह जरूर देखते हैं कि वहां पर परिवहन के साधनों में हवाई जहाज का सफर उपलब्ध है या नहीं. यदि आप अपने परिवार के साथ राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) घूमने के लिए आ रहे हैं तो आपको बता दें कि उदयपुर शहर की यात्रा के लिए आपको हवाई मार्ग उपस्थित है जो कि उदयपुर शहर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट द्वारा देश के विभिन्न प्रमुख शहरों को जोड़ता है, जिससे आप आसानी से उदयपुर शहर की यात्रा कर सकते हैं. महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी आगे की नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) यात्रा के लिए टैक्सी, कैब बुक कर सकते हैं जो कि महज 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और इस मंदिर यात्रा को बहुत सहज और सरल बना सकते हैं.
रेल मार्ग से
जब भी हम किसी स्थान विशेष या किसी धार्मिक या पर्यटक स्थल का भ्रमण करते हैं तो हम वहां के उपलब्ध साधनों के बारे में आवश्यक रूप से चर्चा करते हैं, जिनमें मुख्य रेल परिवहन शामिल होता है. यदि आप उदयपुर शहर के देवली पहाड़ी पर स्थित नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) घूमने आ रहे हैं तो आपको बता दें कि रेल मार्ग से उदयपुर शहर को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है, जहां से आप शहर की यात्रा आसानी से कर सकते हैं. उदयपुर रेलवे स्टेशन से आप अपनी मंदिर यात्रा के लिए अपनी सुविधा के अनुसार कैब या टैक्सी बुक कर सकते हैं जो कि स्टेशन से मात्र 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जहां पर आप कैब, टैक्सी की सहायता से आसानी से पहुंच सकते हैं और अपनी नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) यात्रा पूर्ण कर सकते हैं.
सड़क मार्ग से
परिवहन के साधनों में मुख्य साधन सड़क मार्ग को ही माना गया है जो कि हमें हर शहर, हर गांव,हर गली, मोहल्ले से जोड़ता है तथा देश के विभिन्न प्रदेशों को भी जोड़ता है. यदि आप उदयपुर शहर के देवली की पहाड़ी पर स्थित नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) भ्रमण के लिए आ रहे हैं तो आप देश के किसी भी हिस्से से सड़क मार्ग द्वारा उदयपुर शहर की यात्रा बिल्कुल आसानी से कर सकते हैं. उदयपुर बस स्टैंड देश से विभिन्न राज्य तथा प्रदेश के शहरों से जुड़ा हुआ है, जहां से आप आसानी से शहर की यात्रा कर सकते हैं. उदयपुर के बड़गांव बस स्टैंड से मंदिर की दूरी महज 3.3 किलोमीटर की है जहां से आप अपनी सुविधा के अनुसार मंदिर की यात्रा के लिए टैक्सी की सहायता ले सकते हैं और नीमच माता मंदिर (Neemach Mata Temple) की यात्रा कर सकते हैं|
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