एकलिंगजी मंदिर उदयपुर राजस्थान (Eklingji Mandir Udaipur)
भारत देश अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों के कारण पूरी दुनिया में अपना विशेष स्थान रखता है. भारत में आपको आनेको मंदिर तथा आनेको प्राचीन इमारतें देखने को मिलती है. कहते हैं कि भारत के इतिहास की चर्चा तब तक अधूरी रहती है, जब तक हम राजस्थान के इतिहास की चर्चा ना करें. वैसे तो राजस्थान एक रेतीला प्रदेश है किंतु अपने इतिहास तथा यहां की कला और संस्कृति के कारण अपनी विशेष पहचान रखता है. राजस्थान का इतिहास हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है. राजस्थान के प्राचीन मंदिर और प्राचीन इमारतें यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने का मुख्य कारण हैं|
- मंदिर का फोन नंबर- 0294 277 2265
- फेशबुक – – NA
- मंदिर का पूरा पता – Kailashpuri, Girwa Tehsil, near the former capital of Mewar, Udaipur, Rajasthan 313202
- मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी- 47 KM
- बस स्टेशन से दूरी – 23.4 KM
एकलिंगजी मंदिर कहां है
राजस्थान में वैसे तो हजारों की संख्या में मंदिर है लेकिन राजस्थान के उदयपुर में एकलिंगजी मंदिर (Eklingji mandir Udaipur) विशेष है जो कि उदयपुर शहर के उत्तर में 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. राजस्थान के उदयपुर में स्थित एकलिंग जी का यह मंदिर सनातन धर्म के भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर की वास्तुकला इतनी जबरदस्त है की हजारों की संख्या में पर्यटक हर साल यहां घूमने के लिए आते हैं. उदयपुर का यह मंदिर 2 मंजिला है, जिसमें मंदिर की छत और विशिष्टनकाशीदार टावर पिरामिड शैली में बनाया गया है जो कि मनमोहक दृश्य उपस्थित करते हैं|
एकलिंग मंदिर क्यों प्रसिद्ध है
Eklingji mandir Udaipur:- श्री एकलिंगजी आराध्य देव भगवान शिव का प्राचीन मंदिर हैं,यह मेवाड़ राजपूतों के कुल देवता हैं , महाराणा प्रातप और उनके पूर्वज इनकी पूजा किया करते थ। पर स्थित शिवलिंग की मूर्ति के चारों ओर मुख बने हुए हैं, मंदिर परिसर में 108 देवी-देवताओ के छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं|
मंदिर में भगवान एकलिंग जी की काले संगमरमर से लगभग 50 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है जोकि चारों दिशाओं में मुख होने के लिए भी जानी जाती है. राजस्थान के इस मंदिर में आपको चांदी के सांप द्वारा गढ़ा गया शिवलिंग देखने को मिलता है.
आप यदि आप राजस्थान प्रदेश की यात्रा कर रहे हैं तो आपको राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) Udaipur का भ्रमण भी आवश्यक रूप से करना चाहिए. मंदिर की यात्रा आपको हमेशा यादगार अनुभव उपलब्ध करवाएगी.एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple Udaipur) अपनी वास्तुकला, इतिहास के लिए जाना जाता है और हर वर्ष अपनी वास्तुकला और इतिहास के कारण लाखों की संख्या में पर्यटक को अपनी और आकर्षित करता है. राजस्थान का यह मंदिर ना केवल राजस्थान में अपितु देश और दुनिया में भी काफी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 734 ईसवी में बप्पा रावल द्वारा करवाया गया था. एकलिंग जी मेवाड़ के प्रमुख देवता है|
एकलिंग नाथ जी का इतिहास (Eklingji Temple Udaipur)
जब भी हम कहीं प्राचीन इमारत या किसी प्राचीन धार्मिक स्थल पर घूमने का विचार करते हैं तो हम वहां के इतिहास के बारे में जरूर जानने की कोशिश करते हैं, क्योंकि यदि हमें अपने गंतव्य का इतिहास पता हो तो वहां उपलब्ध स्थानों और चीजों को देखने का हमारा नजरिया ही बदल जाता है और वहां की चीजों को देखने में हमें अलग ही आनंद की अनुभूति होती है, इसीलिए जब भी हम किसी प्राचीन और धार्मिक स्थल की यात्रा करते हैं तो वहां के इतिहास के बारे में जानकारी जरुर जुटाते हैं. यदि आप राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple Udaipur) पधार रहे हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित एकलिंग जी का यह मंदिर 734 ईसवी में बनवाया गया था. इस मंदिर का निर्माण बप्पा रावल ने करवाया था.
उदयपुर शहर के इस मंदिर की मूर्तियों को दिल्ली सल्तनत के शासकों ने आक्रमण के दौरान नष्ट कर दिया था तथा उसके बाद यहां के स्थानीय राजाओं ने भगवान एकनाथजी के इस मंदिर का पुनः निर्माण करवाया था, जिसके बाद 15 शताब्दी में मालवा सल्तनत के विघाथ शाह ने मेवाड़ पर दुबारा आक्रमण किया और इस मंदिर को दोबारा से नष्ट कर दिया, जिसके बाद कुंभ के पुत्र राणा रायमल ने विघाथ शाह को पराजित कर उसकी रिहाई के लिए फिरौती प्राप्त कर रायमल ने इस मंदिर का पुनः से जीर्णोद्धार करवाया था और वर्तमान स्थिति मूर्ति को मंदिर में फिर से स्थापित करवाया था.
उदयपुर का यह मंदिर दो बार दिल्ली सल्तनत के हमलों का शिकार हुआ है, लेकिन मेवाड़ के लोगों की आस्था और निष्ठा ने मंदिर को आज तक जीवित रखा है|
एकलिंग नाथ जी के मंदिर का निर्माण किसने करवाया
एकलिंगजी मंदिर का शिल्प कला (Eklingji Temple Udaipur)
जब भी हम किसी स्थान विशेष की यात्रा करते हैं तो उस स्थान के बनावट हमें विशेष आकर्षित करती है. उस स्थान विशेष की बनावट ही वहां की शिल्प कला को दर्शाती है. राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित भगवान शंकर को समर्पित एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) Udaipur की शिल्पकला बहुत ही शानदार है जो कि यहां आने वाले कला प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. उदयपुर शहर का यह मंदिर 2 मंजिल का बना हुआ है. मंदिर में नक्काशीदार टावर, पिरामिड स्टाइल छत के साथ बना हुआ है. उदयपुर शहर के एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) Udaipur में मुख्य रूप से पिरामिड शैली का उपयोग किया गया है जो आगे विषम द्वारा समर्थित है. मंदिर में भगवान एकलिंग जी की मूर्ति काले संगमरमर से बनी हुई है. मूर्ति की विशेषता यह है की मूर्ति के मुख्य चारों दिशाओं में है, इसीलिए मूर्ति को चतुर्मुखी मूर्ति कहते हैं जिसकी ऊंचाई लगभग 50 फीट है. मंदिर में स्थित इस मूर्ति के चारों दिशाओं के चारों मुख भगवान शिव के चारों रूपों को प्रदर्शित करते हैं. जो की यहां आने वाले शिव भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है|
एकलिंगजी मंदिर खुलने तथा बंद होने का समय तथा प्रवेश शुल्क (Eklingji Temple Udaipur)
जब भी हम किसी स्थान विशेष की यात्रा करते हैं तो हमें वहां के खुलने तथा बंद होने के समय के बारे में आवश्यक रूप से पता होना चाहिए, जिससे कि हमारी यात्रा के दौरान हमें किसी भी तरह कि असुविधा का सामना ना करना पड़े. यदि आप राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित भगवान शंकर को समर्पित एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) Udaipur के दर्शन के लिए आ रहे हैं तो आपको बता दे कि भगवान शिव का यह मंदिर सुबह 4:00 बजे खुलता है जो कि सुबह 7:00 बजे तक खुला रहता है, जिसके बाद मंदिर 10:30 बजे खुलता है और 1:30 बजे तक खुला रहता है जिसके बाद मंदिर शाम को 5:00 बजे खुलता है और रात्रि 7:30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है. यदि आप भी मंदिर घूमने का विचार कर रहे हैं तो आपको अपनी यात्रा के दौरान इस समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए|
यदि आप उदयपुर शहर की एकलिंग जी मंदिर भ्रमण करने आ रहे हैं तो आपको बता दें कि मंदिर में घूमने के लिए आपको किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होता है. आप इस मंदिर में निशुल्क भगवान एकनाथ जी के दर्शन कर सकते हैं और मंदिर घूमने का आनंद ले सकते हैं|
एकलिंगजी मंदिर के आसपास पर्यटक स्थल (Eklingji Temple Udaipur)
यदि आप राजस्थान के उदयपुर शहर एकलिंग जी मंदिर घूमने आ रही है तो आपको मंदिर के आसपास के पर्यटक स्थलों के बारे में भी आवश्यक रूप से जानकारी कर लेनी चाहिए, जहां पर घूम कर आप अपनी इस यात्रा का दौहरा आनंद ले सकते हैं|
धार्मिक मंदिर
- नीमचा माता मंदिर
- जगदीश मंदिर
पर्यटक स्थल
- हल्दीघाटी
- कुंभलगढ़ किला
- बड़ा महल
- सिटी पैलेस
- सहेलियों की बाड़ी
- चित्तौड़गढ़ का किला
- बागोर की हवेली
शहर की मुख्य झीले
- बड़ी झील
- मीनार
- पिछोला झील
- फतेहसागर झील
- दूध तलाई झील
- जयसमंद झील
पर्यटक स्थल
- जग मंदिर
- आहार म्यूजियम
- वैक्स म्यूजियम
- गुलाब बाग़ और चिड़ियाघर
- शिल्पग्राम
- महाराणा प्रताप स्मारक
एकलिंगजी मंदिर जाने का अच्छा समय (Eklingji Temple Udaipur)
राजस्थान प्रदेश वैसे तो एक रेतीला प्रदेश है जहां पर अधिकांश समय गर्मी का मौसम रहता है. गर्मी के दौरान राजस्थान की यात्रा करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहता है, इसीलिए यदि आप राजस्थान के किसी भी शहर की यात्रा करते हैं तो आपको अक्टूबर से मार्च के बीच का समय चुनना चाहिए इस दौरान राजस्थान में सर्दी का मौसम होता है जिससे आप आसानी से यात्रा कर सकते हैं|
कैसे पहुंचे एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple Udaipur)
जब भी हम किसी स्थान विशेष पर भ्रमण करने का विचार करते हैं तो हम वहां के उपलब्ध परिवहन के साधनों के बारे में जरूर चर्चा करते हैं. यदि आप राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित एकलिंगजी मंदिर (Eklingji Temple) Udaipur भ्रमण करने के लिए आ रहे हैं तो आपको बता दें कि मंदिर दर्शन के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन या सड़क किसी को भी चुन सकते हैं और आसानी से उदयपुर शहर की यात्रा कर सकते हैं|
फ्लाइट से
यदि आप राजस्थान के उदयपुर शहर की यात्रा फ्लाइट के जरिए करना चाहते हैं तो आपको बता दें की इसके लिए आपको महाराणा प्रताप हवाई अड्डे की यात्रा करनी होगी जो कि देश के प्रमुख शहरों से उदयपुर शहर को जोड़ता है. महाराणा प्रताप हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां पहुंचकर आप अपनी मंदिर यात्रा के लिए टैक्सी, कैब बुक कर सकते हैं और अपने मंदिर यात्रा कर सकते हैं|
ट्रेन द्वारा
उदयपुर शहर राजस्थान का प्रमुख शहर है जो कि रेल के विशाल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. उदयपुर शहर को भारत के प्रमुख नगरों से रेल मार्ग द्वारा जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से उदयपुर शहर की यात्रा कर सकते हैं. उदयपुर शहर रेलवे स्टेशन से एकनाथ जी मंदिर की दूरी लगभग 23 किलोमीटर है जहां से आप आसानी से कैब,ऑटो बुक करके अपनी मंदिर यात्रा पूरी कर सकते हैं|
सड़क द्वारा
यदि आप उदयपुर शहर के एकलिंग मंदिर की यात्रा सड़क मार्ग द्वारा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि उदयपुर शहर को भारत के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से उदयपुर शहर की यात्रा कर सकते हैं. उदयपुर के बस स्टैंड से अपनी मंदिर यात्रा के लिए अपनी सुविधा अनुसार कैब, टैक्सी बुक कर सकते हैं और अपनी मंदिर यात्रा कर सकते हैं.
FAQ
Q. 1 एकलिंगजी का मंदिर किसने बनवाया
Ans . 8वीं शताब्दी में मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल ने इस मंदिर का निर्माण करवाया और एकलिंग की मूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी।
Q. 2 एकलिंग जी का मंदिर कहां स्थित है
Ans . राजपूत राजाओं के कुल देवता श्री एकलिंगजी महादेव मंदिर कि उदयपुर से लगभग 22 किमी और नाथद्वारा से लगभग 26 कि. मी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर कैलाशपुरी नाम के स्थान पर स्थित हैं।
Q.3 मेवाड़ में स्थित एकलिंग मंदिर किस संप्रदाय से संबंधित है
Ans. मूलत: यहां का मंदिर लाकुलीश संप्रदाय का रहा है
Q.4 एकलिंग प्रशस्ति के लेखक कौन है
Ans. इस प्रशस्ति का रचयिता भी इन्हीं वेदांग मुनि के शिष्य आम्र कवि थे
Q .5 एकलिंग जी का मेला कब भरता है?
Ans. राजपूत राजाओं के कुल देवता श्री एकलिंगजी महादेव मंदिर पर हर साल शिवरात्रि के मौके पर मेला लगता था।