सिद्धनाथ शिव मंदिर, जोधपुर (Siddhnath Mahadev Jodhpur)
मंदिर का फोन नंबर– 7568622324
facebook – Sidhnath-Mandir
मंदिर का पूरा पता – 7XM6+W4X, near Kaylana Lake, Jodhpur, Rajasthan 342001
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी– 9.6 KM
बस स्टेशन से दूरी – 11.2 KM
भगवान शिव को नाथों का नाथ भोलेनाथ कहा जाता है और पूरे भारत में भगवान शिव को समर्पित हजारों की संख्या में मंदिर मिलते हैं, जहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते रहते हैं. भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामना भी पूर्ण करते हैं, इसीलिए भक्तों की आस्था भगवान शिव में अत्यधिक रहती है. यदि आप राजस्थान भ्रमण के लिए आ रहे हैं तो आपको राजस्थान के जोधपुर में स्थित सिद्धनाथ महादेव के मंदिर (Siddhnath Mahadev) के दर्शन आवश्यक रूप से करनी चाहिए. यह मंदिर भगवान शिव के मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो कि भगवान शिव के भक्तों की आस्था का मुख्य केंद्र है. यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते रहते हैं|
वैसे तो जोधपुर को राजस्थान की शिव नगरी कहा जाता है क्योंकि राजस्थान में भगवान शिव को समर्पित लगभग 2000 मंदिर है, इसीलिए जोधपुर को शिव नगरी कहा जाता है, लेकिन इन सब में भोलेनाथ का सिद्धनाथ महादेव मंदिर(Siddhnath Mahadev) अपनी अलग छवि रखता है. तख्त सागर की पहाड़ियों में स्थित भगवान सिद्धनाथ महादेव का यह मंदिर(Siddhnath Mahadev) यहां के स्थानीय निवासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. 1932 में संत नारायण स्वामी तथा संत एकनाथ रानाडे जोधपुर पधारे थे, तो उस समय पहाड़ियों में एक छोटा सा भगवान शिव को समर्पित मंदिर था, जिसके पास में ही एक गुफा स्थिति है|
इस स्थान को देखकर संतो को तपस्या के लिए यह स्थान उपयुक्त लगा और सिद्धनाथ (Siddhnath Mahadev) स्थान को अपनी तपोस्तली बना लिया, उनके मरणोपरांत उनके शिष्य बाबा नेपाली को यहां का उत्तराधिकारी घोषित किया गया. आज की इस सिद्धनाथ महादेव मंदिर(Siddhnath Mahadev) का जीर्णोद्धार बाबा नेपाली ने अपनी देखरेख में करवाया था. इस मंदिर का विकास कार्य लगभग 3 दशकों तक चला था. मंदिर में लगे हर एक पत्थर पर भगवान शिव की आकृति तथा शेषनाग तथा गुंबज के लिए छह अलग-अलग भाषाओं में भगवान राम तथा भगवान शिव के नाम लिखे गए हैं. जोधपुर के इस सिद्धनाथ महादेव मंदिर (Siddhnath Mahadev) में हिंदी महीनों के अनुसार श्रावण महीने में तथा गुरु पूर्णिमा को विशेष मेले का आयोजन होता है जो कि बहुत ही रमणीय छवि प्रस्तुत करता है|
सिद्धनाथ शिव मंदिर, जोधपुर (Siddhnath Mahadev) का इतिहास
सिद्धनाथ (Siddhnath Mahadev) के इस मंदिर का मुख्य आकर्षण यहां के 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिन पर पीतल के शेषनाग बने हुए हैं, तथा यहां के छोटे-छोटे गुफाओं में लटकी हुई शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनी हुई शिवलिंग यहां आने वाले पर्यटकों को अचंभित करती है.|
मंदिर के निर्माण की विषय में कहा जाता है कि यहां का स्थान प्राकृतिक रूप से बहुत ही शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर था, इसीलिए सिद्धनाथ (Siddhnath Mahadev) ने इन्हें तपोस्थली के रूप में स्थापित किया मंदिर में चढ़ने के लिए 355 सीढ़ियां लगी हुई है जिनके जरिए आप मंदिर की यात्रा कर सकते हैं|
राजस्थान के जोधपुर में स्थित सिद्धनाथ (Siddhnath Mahadev) के मंदिर का निर्माण यहां के पत्थर से ही किया गया है. यहां के स्थानीय लोग मंदिर के विषय में कहते हैं कि पहले यह सुनसान हुआ करता था, लेकिन बदलते हुए समय के साथ-साथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भी भीड़ बढ़ गई. लोगों का कहना है कि पहाड़ी के पीछे शिकार ग्रह भी है, जहां पर राजा महाराजा शिकार किया करते थे.
सिद्धनाथ शिव मंदिर, जोधपुर (Siddhnath Mahadev) की शिल्प कला
जब भी हम किसी प्राचीन या किसी धार्मिक स्थल का भ्रमण करते हैं तो हमें उस जगह की शिल्प कला बहुत ही आकर्षित करती है जैसे कि हमारे प्राचीन मंदिरों की शिल्पकला अद्भुत कारीगरी की झलक प्रति प्रस्तुत करती है, तो वैसे ही कई ऐसे मंदिर हैं जहां पर पर प्रकृति ने भी अपनी कलाकारी दिखाइए तथा प्रकृति की कलाकारी के साथ ही मानव ने अपनी कलाकारी के साथ दृश्य को और भी खूबसूरत बनाया है. ऐसा ही एक उदाहरण है जोधपुर का सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Mahadev) इस मंदिर में प्राकृतिक रूप से बनी हुई उल्टी लटकी हुई शिवलिंग दिखती है, तथा साथी यहां पर भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग, पीतल शेषनाग लटके हुए हैं. यह इस मंदिर की मुख्य आकर्षण है. मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा के पास ही भगवान गणेश तथा माता पार्वती आदि की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है. सिद्धनाथ के इस मंदिर में पुराने मंदिर के अलावा एक नए मंदिर का निर्माण भी किया गया है, जिसमें भगवान शंकर के भक्त नंदी की ग्रेनाइट में बनी हुई मूर्ति स्थापित की गई है. मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन विशेष उत्सव मनाया जाता है|
मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि यह साधु संतों की तपोस्थली है जो कि 19वीं शताब्दी में स्थापतिहै जिसकी शुरुआत नारायण स्वामी शुरू की थी. जिसके बाद नेपाली बाबा ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस मंदिर की स्थापना की यहां महंत ऋषिकेश की समाधि पर जैसलमेर के सुनहरे पत्थर से निर्माण कार्य भी चल रहा है|
सिद्धनाथ शिव मंदिर, जोधपुर (Siddhnath Mahadev) का उपयुक्त समय
यदि आप राजस्थान के किसी भी शहर में भ्रमण करने के लिए आ रहे हैं तो आपको बता दें. की राजस्थान एक रेतीला प्रदेश है, जहां पर अधिकांश समय गर्मी का तापमान रहता है, इस दौरान यहां का तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है और तेज गर्म हवाएं चलती है. इस दौरान राजस्थान के किसी भी प्रदेश या शहर की यात्रा की सलाह नहीं दी जाती है. यदि आप राजस्थान के सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Mahadev) भ्रमण करने आने का विचार कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि आप अक्टूबर से मार्च के महीने के दौरान मंदिर की यात्रा कर सकते हैं. इस दौरान राजस्थान का मौसम सर्दी का होता है जिससे आप यहां की सर्दी के साथ भगवान शिव के दर्शन का आनंद ले सकेंगे.
कैसे पहुंचे सिद्धनाथ शिव मंदिर, जोधपुर (Siddhnath Mahadev)
जब भी हम कहीं जाने का विचार करते हैं तो वहां के लिए उपलब्ध परिवहन के साधनों की चर्चा करना हमारा मुख्य कार्य होता है, जिससे कि हमें गंतव्य तक पहुंचने में लगने वाले समय तथा यात्रा के दौरान किन-किन चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है इस बारे में जानकारी मिलती है.
यदि आप अपने परिवार के साथ राजस्थान के जोधपुर में स्थित सिद्ध नाथ मंदिर (Siddhnath Mahadev) आने का विचार बना रहे हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान के जोधपुर को हवाई मार्ग, रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग तीनों से ही देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ा गया है, जहां से आप शहर की यात्रा आसानी से कर सकते हैं. राजस्थान के जोधपुर में स्थित सिद्ध नाथ के मंदिर (Siddhnath Mahadev) की यात्रा के लिए आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी मार्ग का चयन करके जोधपुर पहुंच सकते हैं|
हवाई मार्ग से
यदि आप अपने परिवार के साथ राजस्थान के सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Mahadev) पधारने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि जोधपुर को हवाई मार्ग द्वारा प्रदेश के प्रमुख शहरों तथा देश के प्रमुख प्रदेशों से जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से जोधपुर हवाई अड्डे की यात्रा आसानी से कर सकते हैं. जोधपुर हवाई अड्डे पहुंचने के पश्चात आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मंदिर यात्रा के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं और अपनी आगे की मंदिर यात्रा आसानी से कर सकते हैं|
ट्रेन द्वारा
परिवहन के साधनों में मुख्य रूप से रेल परिवहन आता है, जब भी हम किसी लंबी दूरी पर जाते हैं तो हमें रेलगाड़ी का ख्याल जरूर आता है. यदि आप जोधपुर के सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Mahadev) की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि जोधपुर का जोधपुर रेलवे स्टेशन, भारत के उन चुनिंदा और प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन में से एक है जो कि बहुत ही अच्छे रेलवे स्टेशन है. रेल मार्ग द्वारा जोधपुर को देश के विभिन्न हिस्सों तथा प्रदेश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है. जहां से आप आसानी से जोधपुर की यात्रा कर सकते हैं, जिसके पश्चात आप जोधपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर यात्रा के लिए अपनी सुविधा अनुसार बस या टैक्सी की मदद ले सकते हैं|
सड़क मार्ग
वैसे यदि आप अत्याधिक दूरी से जोधपुर के सिद्धनाथ महादेव मंदिर (Siddhnath Mahadev) के दर्शन के लिए आते हैं तो आपको उपरोक्त दोनों मार्गों का चयन करना चाहिए, लेकिन यदि आप बस द्वारा मंदिर दर्शन करने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें की सड़क मार्ग द्वारा जोधपुर को राज्य के विभिन्न शहरों से तथा देश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से शहर की यात्रा कर सकते हैं. जोधपुर के जोधपुर बस स्टैंड से आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मंदिर यात्रा के लिए कैब या टैक्सी की सहायता ले सकते हैं और राजस्थान के जोधपुर में स्थित सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Mahadev) के दर्शन का आनंद ले सकते हैं|