गोविंद देव जी मंदिर जयपुर, राजस्थान | Govind Dev Ji Mandir Jaipur Rajasthan
जब भी हम राजस्थान के जयपुर के मंदिरों की बात करें तो उन सभी मंदिरों में से (Information about Govind Devji mandir in hindi) गोविंद देव जी के मंदिर को बिल्कुल भी नहीं बुलाया जा सकता. गोविंद देवजी का मंदिर जयपुर के सबसे प्रसिद्ध भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में से एक है जो कि चंद्र महल के पूर्व में बने जय निवास बगीचे के मध्य में स्थित है| इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में कृष्ण भगवान की मूर्ति वृंदावन से लाई गई थी, जिसे महाराज सवाई जयसिंह ने अपने परिवार के कुल देवता के रूप में यहां स्थापित करवाया था. श्री कृष्ण के स्वरूप के आधार पर भगवान श्री कृष्ण के तीन विग्रह का निर्माण करवाया गया था. पहले यह तीनों विग्रह मथुरा में स्थित थे, जिसके बाद मुस्लिम आक्रांता मोहम्मद गजनवी के आक्रमण के भय से इन तीनों विग्रहों को अलग-अलग जगह पर छुपा दिया गया जिसमें पहला विग्रह गोविंद देव जी का तथा दूसरा गोपीनाथजी का है जो कि जयपुर में ही स्थित है तथा श्री कृष्ण का तीसरा विग्रह श्री मदन मोहन जी, जो कि करौली जयपुर में स्थित है|
1669 मुस्लिम शासक औरंगजेब ने मथुरा के समस्त मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था उसी समय मंदिर के पुजारियों ने विग्रह को उठाकर जयपुर में स्थापित किया था, यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित वास्तुकला का एक बहुत ही शानदार नमूना है जो कि 1590 में जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर को इस प्रकार बनाया गया है कि महाराज अपने महल से भगवान की झलकआसानी से प्राप्त कर सकते थे.
श्री गोविंद देव जी का मंदिर कहां स्थित है| govind devji temple jaipur
Address: govind devji mandir, Jalebi Chowk, Jai Niwas Garden, Jaipur, Rajasthan 302002
गोविंद देव जी मंदिर का इतिहास (Govind Devji Mandir Ki History In Hindi)
govind devji Mandir गोविंद देव जी का मंदिर भी अपना गौरवशाली इतिहास रखता हैं. मंदिर के बारे में इतिहासकारों का मानना है कि 16 शताब्दी में जब औरंगजेब हिंदुस्तान के हिंदू मंदिरों के विनाश करने में लगा हुआ था, उसी समय वृंदावन के शिवराम गोस्वामी वृंदावन में स्थित गोविंद देव जी की मूर्ति की देखभाल कर रहे थे और वे लगातार govind dev ji mandir गोविंद देव जी की मूर्ति को बचाने के लिए अनेकों प्रयास कर रहे थे. मूर्ति को मुगलों के आक्रमण से बचाने के लिए मूर्ति को वृंदावन से भरतपुर के कामा लेकर आया गया, जहां से राधा कुंड से सांगानेर गोविंदपुरा में मूर्ति को लाया गया.
गोविंदपुरा से भगवान गोविंद देव जी की इस मूर्ति के संरक्षण की जिम्मेदारी महाराजा सवाई जयसिंह ने ली जिसके बाद उन्होंने इस मूर्ति को आमेर घाटी में रखा. जिसको बाद में 1714 ईस्वी में कनक वृंदावन में रखा गया. उस समय आमेर भी मुगल दरबार की सेवा किया करता था, इसीलिए यहां के शासकों ने मुगलों से दुश्मनी लेने का जोखिम नहीं उठाया. गोविंद देव जी की इस मूर्ति को 1735 में महाराजा जयसिंह द्वारा सूर्य महल में स्थापित किया गया था,जिसके बाद मूर्ति को अपने निवास के समीप चंद्र महल में स्थापित किया गया.
गोविंद देव जी मंदिर की वास्तु कला (Govind Devji Mandir Jaipur) की वास्तु कला
यदि हम बात करें प्राचीन मंदिरों और इमारतों की तो उनकी वास्तुकला, आकर्षण का विषय होता है. इन मंदिरों और इमारतों की वास्तुकला इतनी लुभावनी होती है. Govind Devji Mandir Jaipur गोविंद देव जी के मंदिर को बलवा और संगमरमर पत्थर से बनवाया गया है, साथ ही इस मंदिर की सुंदरता को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए इस मंदिर का समय समय पर जीर्णोद्धार किया जाता है. वैसे तो यह मंदिर अपने चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है. यह मंदिर किसी शाही परिवार के लिए बनाए गए पैलेस की तरह दिखाई पड़ता है. इस मंदिर के गर्भ गृह में (Govind Devji Mandir)श्री गोविंद देव जी की मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर में बना दर्शन हॉल इतना विशालकाय है कि इसमें 5000 से अधिक श्रद्धालु आसानी से बैठ सकते हैं. इस मंदिर की दीवारों और खंभों का रंग गुलाबी है, साथ ही मंदिर की छत पर आपको पुष्प चित्रकारी दिखाई पड़ेगी. इस मंदिर में लटके हुए झूमर भी आकर्षण का मुख्य विषय है.
गोविंद देव जी मंदिर(Govind Devji Mandir) खुलने का समय/ प्रवेश शुल्क
वैसे तो धार्मिक मंदिर हमेशा खुले रहते हैं लेकिन सभी मंदिरों का एक समय होता है जिसके दौरान ही मंदिर में आपको श्रद्धालु मिलेंगे और आपको मंदिर दर्शन का आनंद भी मिलेगा. गोविंद देव जी के इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 6:00 बजे से शुरू होकर रात को 9:30 तक रहता है, इस समय के बीच में आप कभी भी मंदिर दर्शन कर सकते हैं, लेकिन मंदिर में होने वाली विभिन्न आरतियो का समय अलग-अलग निर्धारित किया गया है. यदि आप मंदिर में होने वाली आरती में शामिल होना चाहते हैं तो आपको मंदिर में होने वाली आरतियो के इस टाइम टेबल के हिसाब से मंदिर जाने का प्लान बनाना चाहिए.
Govind Devji Ki Mangla Arti मंगला आरती
सुबह 4: 30 बजे से शुरू होकर 5:00 बजे तक होती है.
Govind Devji Ki Dhop Arti धोप आरती
यह आरती प्रातः 7:30 से शुरू होकर 8:45 तक चलती है.
Govind Devji Ki Shirangar Arti श्रंगार आरती
श्रंगार आरती का समय सुबह 9:30 से 10:15 के बीच का रखा गया है.
Govind Devji Ki Rajbhog Arti राजभोग आरती
राजभोग आरती का समय दोपहर के 11:00 बजे से शुरू होता है जो कि 11:30 तक रहता है.
Govind Devji Ki Guwala Arti ग्वाल आरती
ग्वाल आरती का समय शाम को जब ग्वाले जंगल से लौटते हैं उसी समय को रखा गया है, यानी शाम को 5: 45 से 6:15 तक का समय ग्वाल आरती का समय होता है.
Govind Devji Ki Sandhiya Arti संध्या आरती
संध्या आरती का समय शाम को संध्या के समय 6:45 से 8:00 बजे तक का रखा गया है. इस बीच आप गोविंद देव जी के मंदिर में संध्या आरती के दर्शन का लाभ ले सकते हैं.
Govind Devji Ki Sayan Arti शयन आरती
मंदिर में रात्रि सोने के समय शयन आरती होती है जो कि 9:00 बजे से शुरू होकर 9:30 तक चलती है, यह आरती मंदिर में होने वाली अंतिम आरती है.
मंदिर में यदि आप दर्शन करना चाहते हैं तो गोविंद देव जी के दर्शन के लिए आपको किसी भी प्रकार की फीस नहीं देनी पड़ती है. मंदिर में गोविंद देव जी के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क रखे गए हैं.
गोविंद देव जी मंदिर(Govind Devji Mandir) के आस पास दर्शनीय स्थल
यदि आप गोविंद देव जी दर्शन के लिए जाते हैं तो आपको बता दें. गोविंद देव जी के मंदिर के आसपास लगभग 20 मंदिर हैं, जिनका दर्शन करने का आनंद भी आप ले सकते हैं.
गोविंद देव जी के मंदिर में आयोजित होने वाले भजन कार्यक्रमों में भी आप दर्शन के साथ साथ हिस्सा ले सकते हैं.
गोविंद देव जी के मंदिर दर्शन के साथ-साथ आप यहां के जनता बाजार, त्रिपोलिया बाजार, तिब्बत मार्केट मैं खरीदारी का अनुभव भी ले सकते हैं.
गोविंद देव जी मंदिर(Govind Devji Mandir) दर्शन का बेहतरीन समय
यदि आप गोविंद देव जी के दर्शन करने जयपुर पधार रहे हैं तो आप जयपुर घूमने के लिए अक्टूबर से फरवरी के बीच का समय चुन सकते हैं. इस दौरान राजस्थान में सर्दी का मौसम रहता है जो कि बहुत ही सुहाना मौसम रहता है, क्योंकि कुछ ही महीने पहले बारिश होती है तो चारों तरफ आपको हरियाली देखने को मिलती है और इसके अलावा मौसम गर्मी का मौसम तथा बारिश का मौसम रहता है. इस दौरान राजस्थान का टेंपरेचर 40 डिग्री से भी ज्यादा हो जाता है. इस दौरान आपको यात्रा में बहुत से संकट आ सकते हैं.
गोविंद देव जी मंदिर(Govind Devji Mandir) आसपास प्रमुख पर्यटक स्थल
यदि आप जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर दर्शन करने के लिए जा रहे हैं तो आपको गोविंद देव जी के दर्शन के साथ ही जयपुर की कुछ प्रसिद्ध धार्मिक और दर्शनीय स्थलों को भी जरूर देख कर आना चाहिए, जो कि पर्यटको द्वारा काफी पसंद की जाती हैं, धार्मिक मंदिरों की बात करें तो आप गलताजी मंदिर, मोती डूंगरी गणेश जी, अक्षरधाम, सामोद पैलेस, बिरला मंदिर, जगत शिरोमणि मंदिर और इनके अलावा पर्यटकों की पसंद की जाने वाली सबसे बेहतरीन जगह राजमंदिर सिनेमा, अमर जवान ज्योति, सांभर झील, चोखी ढाणी, घूम सकते हैं. इसके अलावा जयपुर के दर्शनीय स्थलों को भी देख सकते हैं जैसे अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, रामबाग पैलेस, वैक्स म्यूजियम, अमरपाली संग्रहालय, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क,इसके अलावा आप जयपुर में वृंदावन गार्डन, मसाला चौक, चांद बावड़ी, चांदपोल, विद्याधर गार्डन जैसी बहुत सी खूबसूरत जगह घूमने का आनंद उठा सकते हैं.
गोविंद देव जी मंदिर(Govind Devji Mandir Kase pahunchen ) कैसे पहुचे
गोविंद देवजी का मंदिर जयपुर में स्थित है, किसी भी प्रमुख शहर से आप फ्लाइट के द्वारा जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर पहुंच सकते हैं, जहां से गोविंद देव जी का मंदिर मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां से आप बस टैक्सी या फिर अपनी सुविधानुसार कैब कर सकते हैं और इस पवित्र मंदिर के दर्शन कर सकते हैं.
रेल मार्ग द्वारा
गोविंद देव जी मंदिर दर्शन करने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन है जो कि मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप ट्रेन की सहायता से जयपुर पहुंच सकते हैं और वहां से मंदिर दर्शन के लिए अपनी सुविधा अनुसार बस, कैब, टैक्सी बुक कर सकते हैं.
सड़क मार्ग
यदि आप अपने परिवार के साथ गोविंद देव जी मंदिर घूमने सड़क मार्ग के जरिए आना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8, 11 और 12 जयपुर को भारत के सभी प्रमुख शहरों से जोड़ता है, जहां से आप अपनी सुविधा अनुसार बस के द्वारा जयपुर पहुंच सकते हैं. जहां बस स्टैंड से आप मंदिर दर्शन के लिए अपनी सुविधा अनुसार टैक्सी,कैब बुक कर सकते हैं.