Shree Karni Mataji Temple (श्री करनी माताजी मंदिर)
- मंदिर का फोन नंबर- 099284 23674
- वेबसाइट – NA
- मंदिर का पूरा पता – NH 89, Deshnok, Rajasthan 334801
- मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी- 29-30 KM
- बस स्टेशन से दूरी – 34.4 KM
राजस्थान अपने गौरवशाली इतिहास और यहां की शिल्प कला तथा रीति-रिवाजों के लिए प्रसिद्ध है, राजस्थान अपनी सर जमी पर अनेकों रहस्य और अनेकों वीर योद्धाओं की गाथा समेटे हुए हैं. जहां राजस्थान में आज भी मेहमान नवाजी के बारे में पूरी दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखता है तथा यहां के प्राचीन रियासतें, प्राचीन भवन, प्राचीन मंदिर तथा देवी-देवता भी अपने अलग ही पहचान रखते हैं. राजस्थान में अनेकों ऐसे मंदिर प्रसिद्ध हैं, जिनकी गाथाएं आज भी हमें सुनने को मिलती है और जहां पर हजारों लाखों की संख्या में पर्यटक, आज भी इन इमारतों, धार्मिक मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं और यहां आकर इन इमारतों को देखने का आनंद लेते हैं|
राजस्थान अपने इतिहास ही नहीं यहां की इमारतों भवनों के लिए भी प्रसिद्ध है. राजस्थान में वैसे तो बहुत से मंदिर हैं लेकिन मंदिरों में भी कई ऐसे मंदिर हैं जो कि भक्तों के लिए विशेष मंदिर होते हैं. ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के बीकानेर शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो कि अपनी विचित्र पहचान रखता है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में 25000 से भी ज्यादा चूहों मौजूद है|
यह मंदिर है राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) इस मंदिर को चूहों की देवी का मंदिर माना जाता है जो कि अनेकों कारणों से राजस्थान ही नहीं देश और दुनिया में भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है. मंदिर के कई राज अभी तक विज्ञान भी नहीं हल कर पाया है. यदि आप भी राजस्थान प्रदेश की यात्रा कर रहे हैं तो आपको समय निकालकर राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) दर्शन आवश्यक रूप से करने चाहिए और मंदिर दर्शन के साथ ही यहां के आश्चर्यचकित कर देने वाले तथ्यों को भी जरूर देखना चाहिए|
स्थानीय लोगों का मानना है कि करणी माता साक्षात मां हिंगलाज का अवतार है, जिसका मंदिर राजस्थान के बीकानेर में बनवाया गया था. इस मंदिर में सफेद चूहों का दिखाई देना मंगलकारी माना जाता है. इस मंदिर के मुख्य आकर्षण का विषय चांदी के किवाड़, सोने के छात्र और प्रसाद के लिए रखी चांदी की बड़ी परात मंदिर का मुख्य आकर्षण का विषय है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की माता हमेशा इच्छा भी पूर्ण करती हैं. यदि आप राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) पधार रहे हैं तो आज के हमारे इस आर्टिकल में आपको मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश करेंगे, जिससे कि आपको मंदिर की यात्रा के दौरान किसी भी तरीके की समस्या का सामना ना करना पड़े|
श्री करनी माताजी मंदिर का इतिहास (Shree Karni Mataji Temple)
राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने राजपूत शैली में करवाया था, तथा मंदिर के सामने महाराजा गंगा सिंह ने चांदी के दरवाजे लगवाए थे. गर्भ ग्रह में मां की मूर्ति स्थापित की गई है|
मंदिर के इतिहास के बारे में बात करें तो मंदिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि संवत 1595 चैत्र शुक्ल नवमी गुरुवार को श्री करणी ज्योतिर्लिंग हुई. संवत 1595 की चैत्र शुक्ल 14 से यहां श्री करणी माता की पूजा की परंपरा चली आ रही है|
करणी माता के बारे में बात करते हैं तो यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि करणी माता ने जनहितार्थ अवतार लेकर जांगल प्रदेश को कार्यस्थल बनवाया बनाया तथा यहां पशु, पक्षी तथा मानव के विकास के लिए 10000 बीघा ओरण की स्थापना करवाई, कहा जाता है कि करणी माता ने पुंगल के राव शेखा को मुल्तान के एक कारागार से मुक्त करवाकर उसकी पुत्री रंग कवर का विवाह राव बिका से करवाया था और फिर राव बिका को ही जांगल प्रदेश की स्थापना करने का आदेश दिया था|
करणी माता का जन्म 1387 ईस्वी में रघु बाई के नाम से एक परिवार में हुआ था, जो कि विवाह के पश्चात सांसारिक जीवन को छोड़कर एक तपस्विनी के रूप में जीवन निर्वाह करने लगी और आस-पास के गांव में अपने चमत्कार और धार्मिक शक्तियों के कारण पूजनीय हो गई, जिससे लोग दूर-दूर से उनके दर्शन के लिए आने लगे. यहां के स्थानीय लोगों तथा इतिहासकारों का मानना है कि करणी माता लगभग 151 वर्ष तक जीवित रही और तब से लेकर आज तक आज तक करनी माता की पूजा की जाती है. मंदिर में सफेद चूहे की पूजा की जाती है और उन्हें ही प्रसाद का भोग चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद भक्तों में बांट दिया जाता है|
करनी माता की कुछ रोचक जानकारी
करणी माता किसका रूप है | मां हिंगलाज माता की अवतार थीं |
करणी माता का ससुराल | साठिका गाँव बीकानेर |
करणी माता का गांव कौन सा है | फलौदी (जोधपुर) के पास सुवाप ग्राम |
करणी माता का जन्म कब हुआ | विक्रम संवत् 1444 आष्विन शुक्ल 7, 20 सितम्बर, 1387 |
करणी माता का मेला कब लगता है | मार्च-अप्रैल और सितम्बर-अक्टूबर |
करणी माता मंदिर का निर्माण किसने करवाया | बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह |
करणी माता ने समाधि कब ली | सन 1387 |
श्री करनी माताजी मंदिर की शिल्प कला (Shree Karni Mataji Temple)
जब भी हम किसी मंदिर या प्राचीन इमारत की बात करते हैं तो मंदिर की बनावट इतिहास तथा किस शैली का मंदिर निर्माण में उपयोग किया गया है इसके बारे में आवश्यक रूप से पता करते हैं. यदि आप राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) की वास्तुकला के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं तो पता चलता है, कि मंदिर का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने राजपूत शैली के अंतर्गत करवाया है तथा मंदिर के सामने चांदी के दरवाजे भी बनवाए गए थे. कर्णी माता की छवि अंदरूनी गर्भ ग्रह में निहित है. मंदिर के बारे में कहा जाता है कि हैदराबाद के कुंदन लाल वर्मा ने भी करणी माता के मंदिर का विस्तार करवाया है.
श्री करनी माताजी मंदिर भ्रमण करने का उपयुक्त समय (Shree Karni Mataji Temple)
यदि आप राजस्थान के बीकानेर स्थित करणी माता मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान एक रेतीला प्रदेश है, यहां पर अधिकांश समय अत्याधिक गर्मी तथा तेज गर्म हवाएं चलती हैं और इस दौरान राजस्थान के किसी भी शहर की यात्रा करना उपयुक्त नहीं माना जाता है. यदि आप राजस्थान के किसी भी प्रदेश की यात्रा करते हैं तो आपको अक्टूबर से मार्च के बीच का महीना का चयन करना चाहिए, इस दौरान राजस्थान में सर्दी का मौसम रहता है और आप अपनी यात्रा आसानी से कर सकते हैं. श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) दर्शन के साथ ही आप इस समय राजस्थान की सर्दी का आनंद भी ले सकते हैं और अपनी यात्रा को सफल बना सकते हैं|
श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) में साल में दो बार विशाल मेला लगता है जो कि नवरात्रों पर चैत्र अश्विन महा में लगता है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर अपनी मनोकामना करणी माता के समक्ष रखते हैं. मंदिर के पास ही रुकने के लिए धर्मशालाएं बनवाई गई है जहां आप आसानी से रुक सकते हैं|
श्री करनी माताजी मंदिर खुलने तथा बंद होने का समय (Shree Karni Mataji Temple)
जब भी हम किसी स्थान की यात्रा करते हैं तो हमें वहां के खुलने तथा बंद होने की जानकारी आवश्यक रूप से होनी चाहिए, जिससे कि हमें अपनी यात्रा के दौरान किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े. यदि आप राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) के दर्शन के लिए आ रहे हैं तो आपको बता दें कि करणी माता का यह मंदिर सुबह 5:00 बजे खुलता है जोकि रात्रि 10:00 बजे बंद हो जाता है. मंदिर दर्शन करने के लिए आप किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होता है. आप निशुल्क मंदिर घूम सकते हैं और मंदिर दर्शन कर सकते हैं.
कैसे पहुंचे श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple)
यदि आप राजस्थान के बीकानेर स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) जाने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें की राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता के मंदिर में आप किसी भी मार्ग से आ सकते हैं. यहां आने के लिए आप हवाई मार्ग सड़क मार्ग, रेल मार्ग तीनों का चयन कर सकते हैं और आसानी से राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता के दर्शन करने का आनंद ले सकते हैं.
फ्लाइट से
यदि आप अपने परिवार के साथ राजस्थान के बीकानेर के श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) पधारने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बीकानेर के लिए आपको जोधपुर के हवाई अड्डे पहुचना होगा जो की बीकानेर से 250 किलोमीटर है. जोधपुर हवाई अड्डे पहुंचने के पश्चात आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मंदिर यात्रा के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं और अपनी आगे की मंदिर यात्रा आसानी से कर सकते हैं.
ट्रेन द्वारा
जब भी हम किसी लंबी दूरी पर जाते हैं तो हमें रेलगाड़ी का ख्याल जरूर आता है. यदि आप बीकानेर के श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple)की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो रेल मार्ग द्वारा बीकानेर को देश के विभिन्न हिस्सों तथा प्रदेश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है. जहां से आप आसानी से बीकानेर की यात्रा कर सकते हैं, जिसके पश्चात आप बीकानेर रेलवे स्टेशन से मंदिर यात्रा के लिए अपनी सुविधा अनुसार बस या टैक्सी की मदद ले सकते हैं. जहा से मंदिर 29-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
सड़क मार्ग
श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple) के दर्शन के लिए आते हैं तो आपको बता दें की सड़क मार्ग द्वारा बीकानेर को राज्य के विभिन्न शहरों से तथा देश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से शहर की यात्रा कर सकते हैं. बीकानेर बस स्टैंड से आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मंदिर यात्रा के लिए कैब या टैक्सी की सहायता ले सकते हैं और राजस्थान के बीकानेर में स्थित श्री करनी माताजी मंदिर (Shree Karni Mataji Temple)के दर्शन का आनंद ले सकते हैं. बीकानेर बस स्टैंड से मंदिर की दुरी 34.4 KM है|