भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (Bhandasar Jain Temple Bikaner)
मंदिर का फोन नंबर- NA
वेबसाइट – NA
मंदिर का पूरा पता – 2832+W82, Old Bikaner, Bikaner, Rajasthan 334001
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी- 2.5 KM
बस स्टेशन से दूरी – 5.6 KM
भारत का राजस्थान प्रदेश वैसे तो एक रेतीला प्रदेश है लेकिन यह प्रदेश जहां एक और रेतीले टीले तो दूसरी ओर राजपूतों की आन बान शान का इतिहास जुड़ा हुआ है जो कि एक से बढ़कर एक हवेलियां तथा ऐतिहासिक इमारते रखता है| यहां का इतिहास पढ़ने के बाद हमें इतिहास में दिलचस्पी ही बढ़ जाती है. राजस्थान का इतिहास बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है| यहां की वीर गाथाएं आज भी हमारे इतिहास में पढ़ाई जाती हैं और यहां का इतिहास आज भी लाखों पर्यटकों को प्रदेश की तरफ आकर्षित करता है| राजस्थान का बीकानेर जो कि रेतीले इलाकों से घिरा हुआ है और राजस्थान के इतिहास में यह भी अपनी अलग पहचान रखता है| वैसे तो बीकानेर को राजस्थान की हजार हवेलियों का शहर कहा जाता है, लेकिन बीकानेर को यहां की प्रसिद्ध बीकानेरी भुजिया तथा बीकानेरी रसगुल्ले के लिए जाना जाता है| इसके साथ ही बीकानेर यहां के भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) के लिए भी प्रसिद्ध है| किसी इमारत के बारे में बात करते हैं या आज भी जब भी हम नया भवन निर्माण या इमारत निर्माण शुरू करते हैं, तो नींव रखने के लिए हमें पानी, सीमेंट, पत्थर इत्यादि की जरूरत होती है लेकिन राजस्थान के बीकानेर में स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इस मंदिर के निर्माण के समय इस मंदिर की नींव 40 हजार लीटर देसी घी से भरी गई थी|
राजस्थान का बीकानेर में स्थित यह भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य विषय है. इसे देखने के लिए लाखों की संख्या में हर साल पर्यटक आते हैं. इस मंदिर में उस्ता कला से चित्रकारी की गई है, जो कि यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर लेती है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि बीकानेर का यह मंदिर 5 शताब्दी से भी ज्यादा पुराना है. इस मंदिर का इतिहास 1468 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसे 1541 में सेठ की पुत्री ने पूरा करवाया था. इस मंदिर का निर्माण भांडासर जैन द्वारा करवाया गया था और इसी वजह से इस मंदिर का नाम भी भांडासर जैन रखा गया है। बीकानेर के इस मंदिर की तल से 180 फुट की ऊंचाई है जो कि जैन संप्रदाय की पांचवे तीर्थकर भगवान समिति नाथ जी की मूल वेदी पर स्थित है.
भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) का इतिहास
बीकानेर में स्थित भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 40000 लीटर घी से मंदिर की नींव रखी गई थी|
वैसे तो जब भी हम अपने घर या गांव के बढ़ते हुई विकास को देखते हैं तो हमें अक्सर हमारे समय में हुए गांव के विकास के बारे में जरूर पता रहता है, लेकिन हमारे पुराने इमारतों के इतिहास और कलाकारी की बात करें तो आज भी हमें उन्हें देखकर आश्चर्य होता है, ऐसे ही आश्चर्य से भरे इस मंदिर की कहानी है. बीकानेर की इस मंदिर के निर्माण मैं 46 साल का समय लग गया था. भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) के बारे में कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 506 साल पहले हो चुका था. मंदिर को भारत सरकार ने राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के रूप में शामिल किया हुआ है. इस मंदिर का निर्माण सेठ भामाशाह ने करवाया था. जिसके बाद उनकी पुत्री ने मंदिर के निर्माण को पूर्ण किया था|
अक्सर हम जब भी किसी इमारत या किसी भवन निर्माण का विचार करते हैं, तो हमारे मन में यह जरूर होता है कि भवन या इमारत कितना विशाल तथा कितना मंजिला बनाया जाएगा. ऐसे ही बीकानेर के सेठ भंडासर जैन मंदिर के निर्माण को भी शुरुआत में सात मंजिला बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सेठ की मृत्यु मंदिर निर्माण कार्य के बीच हो गई थी. इसी वजह से मंदिर को सात मंजिला बनाने के बजाय तीन मंजिल पर ही पूरा कर दिया गया|
इस मंदिर का निर्माण जैसलमेरी पीले पत्थर के साथ ही इटालियन मार्बल के इस्तेमाल करके बनाया गया है जो कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण मुख्य विषय है|
भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) की शिल्पकला
राजस्थान के बीकानेर में स्थितभांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) का निर्माण इटालियन मार्बल तथा जैसलमेर के पीले पत्थर के इस्तेमाल द्वारा बनाया गया है. मंदिर के निर्माण में 40000 लीटर की का इस्तेमाल किया गया है. कहा जाता है कि जहां हम इमारत बनाने के लिए पानी का इस्तेमाल करते हैं, इस मंदिर में पानी की जगह पर शुद्ध देसी घी का उपयोग किया गया है.
बीकानेर के इस मंदिर को शुरुआत में सात मंजिला बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन मंदिर के निर्माण करने वाले सेठ का निधन मंदिर निर्माण के दौरान ही हो गया था, इसी कारण से मंदिर को तीन मंजिला ही पूरा कर दिया गया|
सेठ भामाशाह के बाद उनकी पुत्री ने इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करवाया था, कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 46 साल लग गए हैं|
मंदिर में आपको भित्ति चित्र बंद दर्पण तथा मंदिर की दीवारों पर सोने की पत्तियों वाले चित्र देखने को मिलेंगे मंदिर की दीवारों पर पेंटिंग रचनात्मक सुंदरता और मूर्तियों के बनावट के कारण प्रसिद्ध है मंदिर के निर्माण में सफेद पत्थर से खूबसूरत नक्काशी की गई है साथ ही लाल बालू पत्थर का भी इस्तेमाल किया गया है
भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) खुलने तथा बंद होने का समय तथा प्रवेश शुल्क
वैसे तो सभी धार्मिक स्थान अपने-अपने समय निर्धारित रखते हैं, जिनके अनुसार ही मंदिर को खोला तथा बंद किया जाता है. यदि आप राजस्थान घूमने आ रहे हैं और बीकानेर के भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) घूमने आ रहे हैं, तो आपको बता दें. कि बीकानेर का यह मंदिर सुबह 5:00 बजे खुल जाता है जो कि दोपहर 1:00 बजे तक खुला रहता है, जिसके बाद मंदिर 5:00 बजे शाम को खुलता है और रात्रि 11:30 बजे तक खुला रहता है. इस दौरान आप मंदिर में घूम सकते हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है. आप बिना किसी शुल्क के मंदिर दर्शन कर सकते हैं और बीकानेर के इस मंदिर घूमने का आनंद अच्छे से ले सकते हैं.
बीकानेर घूमने के लिए उपयुक्त समय
राजस्थान एक रेतीला प्रदेश है और अधिकांश समय यहां पर गर्मी का मौसम रहता है, जिसके कारण यहां आने के लिए हमेशा समय उपयुक्त नहीं होता है. राजस्थान में भ्रमण करने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान राजस्थान में सर्दी का मौसम होता है और यात्रा के लिए इसी समय को सबसे उपयुक्त समय माना जाता है, क्योंकि गर्मी के मौसम में राजस्थान का तापमान 40 डिग्री के भी पार चला जाता है|
कैसे पहुंचे बीकानेर के भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple)
जब भी हम कहीं जाने का विचार करते हैं तो हम वहां के पर्यटन के साधनों के बारे में जानकारी आवश्यक रूप से करते हैं, जिससे कि हमें यात्रा के दौरान किसी भी तरह की किसी असुविधा का सामना न करना पड़े. यदि आप राजस्थान के बीकानेर की यात्रा करना चाहते हैं तो आप मंदिर यात्रा हवाई जहाज, रेल तथा सड़क मार्ग द्वारा कर सकते हैं. तीनों ही मार्गो से आप बीकानेर की यात्रा आसानी से कर सकते हैं.
फ्लाइट से
यदि आप अपने परिवार के साथ राजस्थान के बीकानेर के भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) पधारने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बीकानेर के लिए आपको जोधपुर को हवाई अड्डे पहुचना हो गा जो की बीकानेर से 250 किलोमीटर है. जोधपुर हवाई अड्डे पहुंचने के पश्चात आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मंदिर यात्रा के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं और अपनी आगे की मंदिर यात्रा आसानी से कर सकते हैं|
ट्रेन द्वारा
जब भी हम किसी लंबी दूरी पर जाते हैं तो हमें रेलगाड़ी का ख्याल जरूर आता है. यदि आप बीकानेर के भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बीकानेर रेलवे स्टेशन. रेल मार्ग द्वारा बीकानेर को देश के विभिन्न हिस्सों तथा प्रदेश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है. जहां से आप आसानी से बीकानेर की यात्रा कर सकते हैं, जिसके पश्चात आप बीकानेर रेलवे स्टेशन से मंदिर यात्रा के लिए अपनी सुविधा अनुसार बस या टैक्सी की मदद ले सकते हैं. जहा से मंदिर 2.5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है|
सड़क मार्ग
सेठ भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) के दर्शन के लिए आते हैं तो आपको उपरोक्त दोनों मार्गों का चयन करना चाहिए, लेकिन यदि आप बस द्वारा मंदिर दर्शन करने का विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें की सड़क मार्ग द्वारा बीकानेर को राज्य के विभिन्न शहरों से तथा देश के प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है, जहां से आप आसानी से शहर की यात्रा कर सकते हैं. बीकानेर बस स्टैंड से आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मंदिर यात्रा के लिए कैब या टैक्सी की सहायता ले सकते हैं और राजस्थान के बीकानेर में स्थित भांडासर जैन मंदिर, बीकानेर (bhandasar jain temple) के दर्शन का आनंद ले सकते हैं|