नीलकंठ महादेव मंदिर अलवर राजस्थान (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

By | January 1, 2023

नीलकंठ महादेव मंदिर अलवर (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

राजस्थान का इतिहास बहुत ही गौरवशाली इतिहास है. राजस्थान में बहुत सी ऐसी प्राचीन इमारतें और धार्मिक स्थल हैं जो देश-विदेश के लाखों पर्यटकों को हर साल अपनी और आकर्षित करती हैं. पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए राजगढ़ तहसील में स्थित अलवर का नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple Alwar) भी बहुत प्रसिद्ध है. यह मंदिर भगवान शिव के नीलकंठ अवतार को समर्पित है. भगवान शिव के नीलकंठ अवतार का यह मंदिर 6 वी तथा 9वीं शताब्दी के बीच धिराज मथानदेव द्वारा बनवाया गया था. वैसे तो मंदिर को मुस्लिम आक्रांताओ द्वारा तोडा गया है, लेकिन आज भी कुछ हिस्से देखने के लिए बचे हुए हैं जो कि यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य विषय है. मंदिर की दिवारे इस तरह से हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों से सजाई गई है कि इस मंदिर की कलाकारी देखकर आपकी आंखें भी स्तब्ध रह जाएंगी. इस मंदिर के निर्माण में खजुराहो का कामुक शैली का उपयोग किया गया है. मंदिर में एक नीलम की शिवलिंग हे जो कि यहां आने वाले पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का विषय है. इस मंदिर की कलाकृति के साथ ही मंदिर के चारों तरफ हरे भरे वातावरण को देखना भी एक आश्चर्य चकित कर देने वाला दृश्य है. मंदिर के इतिहास के बारे में किसी भी तरह का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता जिससे कि इस मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जा सके. यहां की स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर 6 से 9 वी शताब्दी से पहले का है, जिसको 1950 में खोजा गया था|

neelkanth shiv mandir alwar

नीलकंठ महादेव के मंदिर का इतिहास (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

अलवर जिले की राजगढ़ तहसील में स्थित यह मंदिर अपनी बनावट के कारण प्रसिद्ध है. इस मंदिर में भगवान शिव के नीलकंठ अवतार की एक नीलम से बनी हुई मूर्ति है जो कि मंदिर का मुख्य आकर्षण का विषय है. मंदिर की इतिहास की कोई विशेष जानकारी प्राप्त नहीं है, किंतु यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर 1950 में खोजा गया था. इस मंदिर का निर्माण 6 या 9वी शताब्दी ईसा पूर्व बताया जाता है.
मंदिर में की गई तोड़फोड़ से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह मंदिर कितना प्राचीन मंदिर है. अलवर जिले के इस मंदिर में आपको मुश्किल से ही किसी देवी देवता की मूर्ति पूर्ण रूप से सही मिलेगी, अन्यथा मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिर की समस्त मूर्तियों को खंडित किया हुआ है, लेकिन कुछ प्रतिमाएं आज भी अपना अस्तित्व बरकरार रखे हुए हैं.

नीलकंठ महादेव के मंदिर की वास्तु कला (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

अलवर की राजगढ़ तहसील में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) की वास्तुकला बहुत ही जबरदस्त है. इसे देखने के बाद आंखें रुक सी जाती है. मंदिर में स्थित चारों स्तंभों पर एक रंग मंडप खड़ा है जिसके मूल में तीन देवता निवास करते हैं, जिसमें से एक को नष्ट कर दिया गया है तथा तीसरा शिखर आज भी बरकरार है. इस मंदिर की दीवारों पर हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां इस तरह से बनाई गई ,है की बनाने वाले की इस कलाकारी को देखकर आप भी चौंक जाएंगे. मंदिर के निर्माण में खजुराहो कामुक शैली का उपयोग किया गया है, जिसमें उत्कृष्ट पत्थर मैं नक्काशी द्वारा हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं.

नीलकंठ महादेव के मंदिर का मुख्य आकर्षण (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

अलवर जिले की राजगढ़ तहसील में स्थित भगवान नीलकंठ मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple Alwar) का मुख्य आकर्षण मंदिर में स्थित शिवलिंग है जो कि नीलम द्वारा बनी हुई है|

मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर की शिल्प कला है जो कि मनमोहक कारीगरी का एक अचूक नमूना है, इस मंदिर के निर्माण में पत्थरों पर खुदाई करके हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई गई है जो कि प्राचीन काल के कारीगरों की कुशलता का प्रमाण देती है|

नीलकंठ महादेव का यह मंदिर इसीलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि मंदिर के चारों तरफ हरी-भरी पहाड़ियां स्थित है जो कि आसपास के दृश्य को सुंदर बनाते हैं|

भगवान शिव नीलकंठ महादेव मंदिर के पास ही भगवान महावीर बुद्ध की 27 फीट ऊंची प्रतिमा देखने को मिलती है जो कि खंडित की गई है.
लोगों का मानना है कि श्रवण एवं भद्र मास में मंदिर में स्थित शिवलिंग दिन में तीन प्रकार के रंग बदलती है, जो कि यहां आने वाले भक्तों को अपनी श्रद्धा अनुसार दिखाई देता है|

नीलकंठ महादेव के मंदिर खुलने का समय व प्रवेश शुल्क (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

यदि आप अलवर शहर के राजगढ़ तहसील में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर घूमने का विचार कर रहे हैं तो मंदिर के खुलने और बंद होने के समय के अनुसार ही आपको अपनी यात्रा की व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि मंदिर में पुरातत्व विभाग की एक टीम हमेशा निगरानी पर रहती है जो निर्धारित समय के पश्चात किसी भी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में रुकने की अनुमति नहीं देती है. नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) खुलने का समय सुबह 6:00 से रात्रि 9:00 तक रखा गया है. इस बीच आप मंदिर आसानी से घूम सकते हैं. मंदिर घूमने में आपको 2:00 से 3 घंटे का समय लग सकता है. नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) में घूमने के लिए आपको किसी तरह की कोई फीस नहीं देनी पड़ती इस मंदिर में आप भगवान नीलकंठ के दर्शन फ्री में कर सकते हैं.

नीलकंठ महादेव के मंदिर घूमने के लिए उपयुक्त समय (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

यदि आप नीलकंठ महादेव के दर्शन करने के लिए आने का प्लान बना रहे हैं तो आपको यह जान लेना आवश्यक है, कि अलवर की राजगढ़ तहसील में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) घूमने के लिए कौनसा मौसम सबसे बेहतरीन है. हिंदी महीनों के अनुसार श्रावण और भादो, मंदिर घूमने के लिए सबसे बेहतरीन माने जाते हैं. आप अगस्त से अक्टूबर के महीने तक मंदिर कभी भी घूमने आ सकते हैं, इस दौरान बारिश का मौसम होता है और चारों तरफ आपको हरी-भरी पहाड़ियां देखने को मिलेंगे जो कि देखने लायक नजारा होता है|

नीलकंठ महादेव के मंदिर के आसपास घूमने की प्रसिद्ध जगह (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

यदि आप नीलकंठ महादेव मंदिर घूमने जाना चाहते हैं तो आपको नीलकंठ महादेव मंदिर के आसपास ही कुछ पर्यटन स्थलों की जानकारी जरूर जान लेनी चाहिए जहां जाकर आप आप यहां घूमने का आनंद भी उठा सकते हैं
देवनारायण मंदिर

यदि आप अलवर से नीलकंठ महादेव मंदिर दर्शन करने के लिए आ रहे हैं तो रस्ते में गुर्जर संप्रदाय के लोक देवता भगवान देवनारायण का मंदिर है जो कि नटनी का बारा में स्थित है. यहां पर आपको मंदिर के पास हमेशा बहने वाली अलवर की स्थानीय नदी भी देखने को मिलेगी जो की बहुत ही खूबसूरत है.

बाबा भरथरी मंदिर

अलवर से नीलकंठ महादेव मंदिर की तरफ चलने पर रस्ते में भरतरी बाबा का मंदिर आता है जो कि बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है. यहां पर आप प्राकृतिक झरने के दर्शन कर सकते हैं. बाबा भरतरी के दर्शन का आनंद ले सकते हैं. जो कि बहुत ही प्रसिद्ध स्थान माना जाता है. बाबा भरतरी जो कि नाथ पंथ के भरतरी नाथ तथा गोरक्षनाथ के नाम से जाने जाते हैं.

सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान

अलवर से नीलकंठ महादेव मंदिर की ओर बढ़ने पर सरिस्का अभ्यारण से होकर ही सड़क गुजरती है, जहां सरिस्का पैलेस और सरिस्का अभ्यारण घूमने का आप आनंद ले सकते हैं. सरिस्का राष्ट्रीय अभ्यारण में आप टाइगर देखने का आनंद ले सकते हैं. सरिस्का रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है.

बांदीपुल हनुमान मंदिर

सरिस्का राष्ट्रीय अभ्यारण मैं ही आपको भगवान बजरंगबली का मंदिर देखने को मिलेगा जो कि बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है. यहां पर मंगलवार और शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है.

साथ ही आप इन प्रसिद्ध स्थनों पर भी घूम सकते है, और अपनी अलवर यात्रा को अच्छे से आनन्दायक बना सकते है.

  • बाला किला अलवर
  • भानगढ़ का किला
  • सिलीसेढ़ झील
  • सरिस्का पैलेस
  • केसरोली अलवर
  • विनय विलास महल या सिटी पैलेस
  • विजय मंदिर महल अलवर
  • पांडुपोल मंदिर
  • मूसी महारानी की छतरी
  • उदय नाथ धाम
  • नारायणी माता

अलवर में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन

किसी भी स्थान पर घूमने जाने से पहले हमें वहां के प्रसिद्ध मिठाइयां और भोजन के बारे में जानकारी कर लेनी चाहिए, जिससे कि हमें वहा के प्रसिद्ध भोजन का आनंद मिल सके. यदि आप नीलकंठ महादेव मंदिर दर्शन के लिए आ रहे हैं तो आपको अलवर शहर का प्रसिद्ध कलाकंद( मिल्क केक) जरूर खाना चाहिए. यह पूरे राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है, इसके साथ ही अलवर शहर में आप दाल बाटी चूरमा, रबड़ी, लस्सी, गट्टे की सब्जी जैसे व्यंजनों का स्वाद जरूर चखना चाहिए|

नीलकंठ महादेव के मंदिर कैसे पहुंचे (Neelkanth Mahadev Temple Alwar)

यदि आप अलवर के राजगढ़ में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको यह बता दे की नीलकंठ महादेव मंदिर जाने के लिए या अलवर पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग,रेल मार्ग को चुन सकते हैं जो कि किसी यात्रा के लिए लाभदायक होगा.

फ्लाइट

अलवर शहर के राजगढ़ तहसील में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) दर्शन करने अपने परिवार के साथ आना चाहते हैं और आप फ्लाइट के जरिए आना चाहते हैं तो आपको बता दें, कि अलवर के लिए सीधी कोई भी फ्लाइट नहीं आती, इसके लिए अलवर के नजदीकी एयरपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचना होगा या आप जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे से भी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं, जहां दोनों ही जगहों से आप टैक्सी या बस द्वारा मंदिर की यात्रा कर सकते हैं.

रेल मार्ग

यदि आप नीलकंठ महादेव मंदिर(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) अलवर घूमने के लिए रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो इसके लिए आपको निकटतम रेलवे जंक्शन अलवर रेलवे स्टेशन है, जो शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है. जो शहर को प्रदेश के प्रमुख शहरों तथा देश के मुख्य राज्यों से जोड़ता है. अलवर जंक्शन पर पहुंचकर आप नीलकंठ महादेव मंदिर के लिए बस, टैक्सी या कैब की सहायता से मंदिर दर्शन कर सकते हैं.

सड़क मार्ग द्वारा

यदि आप अलवर के राजगढ़ तहसील में स्थित नीलकंठ महादेव(Neelkanth Mahadev Temple Alwar) दर्शन करने सड़क मार्ग की सहायता से आना पसंद करते हैं, तो अलवर शहर के लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों से नियमित रूप से बस सुविधा उपलब्ध है. आप प्रदेश के किसी भी शहर से अलवर की यात्रा कर सकते हैं, और नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *