राज रणछोड़ मंदिर जोधपुर (Raj Ranchhodji Temple Jodhpur)
मंदिर का फोन नंबर– NA
मंदिर का पूरा पता – 72PC+737, MG Hospital Rd, Sojati Gate, Rawaton Ka Bass, Jodhpur, Rajasthan 342001
मंदिर की वेबसाइट – NA
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी – 3.5 km
बस स्टेशन से दूरी – 6 km
भगवान श्री कृष्ण की अनेकों लीलाएं आपने पढ़ी होंगी या फिर हमारे टीवी सीरियलों में देखी होंगी और आप यह आवश्यक जानते होंगे कि कृष्ण भगवान ने अपने जीवनकाल में अनेकों ऐसी लीलाएं की जो कि आज भी बहुत प्रसिद्ध है और लोग भगवान कृष्ण को उनकी लीलाओं के द्वारा आज भी याद करते हैं, जहां भगवान श्री कृष्ण ने गीता जैसे महान ग्रंथ का ज्ञान दिया, तो दूसरी ओर वृंदावन में गोपियों के साथ रासलीला रचाई है. इन्हीं में से एक भगवान श्री कृष्ण की लीला है. युद्धसका मैदान छोड़ने की. इस लीला में श्री कृष्ण भगवान युद्ध का मैदान छोड़कर पीछे भागते हैं. इसीलिए उनका एक नाम रणछोड़ भी रखा गया है. जिसकी रणछोड़ दास के मंदिरों में पूजा की जाती है. जब भी हम किसी स्थान या किसी धार्मिक जगह की यात्रा करते हैं तो वहां के नामकरण के पीछे हमें कुछ राज छिपे हुए दिखाई जरूर देते हैं, जैसे कि राजस्थान के जोधपुर में स्थित श्री कृष्ण भगवान का यह मंदिर राज रणछोड़ दास (Raj Ranchhodji Temple) के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में कृष्ण भगवान को युद्ध के मैदान छोड़कर भागने के दौरान दिए गए उपनाम रणछोड़ दास के नाम पर इस मंदिर का नामकरण किया गया है. यदि आप राजस्थान घूमने आ रहे हैं तो आपको और राजस्थान के जोधपुर में स्थित राज रणछोड़ दास मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) का भ्रमण आवश्यक रूप से करना चाहिए. यह मंदिर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है और यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में देशी तथा विदेशी पर्यटक आते रहते हैं. मंदिर के इतिहास की बात करें तो रानी राजकुवंर ने इस मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1952 ने करवाया थी. इस मंदिर को बनवाने में उस समय रानी ने ₹1 लाख से ज्यादा की राशि खर्च की थी. यदि आप जोधपुर के इस राज रणछोड़ मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) घूमने आना चाहते हैं तो आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने वाले हैं|
राज रणछोड़ मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) इतिहास
वैसे तो हर धार्मिक जगह अपनी अलग ऐतिहासिक विरासत रखती है जो उनके नाम में निहित होती है और जब हम बात करते हैं राजस्थान की तो राजस्थान तो प्रदेश ही गौरवशाली इतिहास का रहा है. यहां पर आपको राजा महाराजाओं से लेकर प्रेमी और प्रेमिका से जुड़े अनेकों इतिहास मिलेंगे और इसीलिए जब भी हम किसी जगह की चर्चा करते हैं तो उसके इतिहास के बारे में आवश्यक रूप से जानकारी प्राप्त करते हैं|
राजस्थान की सूर्य नगरी जोधपुर में स्थित कृष्ण भगवान का यह मंदिर, महाराजा जसवंत सिंह की दूसरी पत्नीवीभा की पुत्री जाड़ेची राजकंवर ने करवाया था. इस मंदिर का निर्माण 1905 में करवाया गया था तथा इस मंदिर में लगभग ₹1 लाख का खर्च आया था.
राजकुवंर का विवाह जोधपुर के महाराज जसवंत सिंह के साथ मात्र 9 वर्ष की आयु में विवाह तय हुआ था, तथा महाराजा जसवंत सिंह शादी के सात फेरे ना ले सके, इसीलिए उनकी तलवार से ही रानी राजकुंवर ने विवाह की रस्में की. जिसके बाद वह जोधपुर आई थी तथा वापस चली गई थी. जिसके बाद रानी राजकुंवर 13 साल की आयु में वापस जोधपुर लौट कर आई थी और फिर कभी भी जोधपुर से बाहर नहीं निकली|
क्यों कहा जाता है रणछोड़
आप यह जरूर सोच रहे होंगे कि आखिर भगवान श्री कृष्ण का नाम रणछोड़ राय कैसे लिया जाता है. दरअसल श्री कृष्ण भगवान और जरासंध के बीच युद्ध होना था. जिसमें जरासंध की तरफ से यमन देश के राजा कालयवन युद्ध में शामिल होने वाले थे. तथा कालयवन को भगवान शिव से वरदान प्राप्त था कि उन्हें कोई भी सूर्यवंशी यह चंद्रवंशी किसी भी अस्त्र तथा शस्त्र से नहीं मार सकता और इसी कारण से जब जरासंध का भगवान श्री कृष्ण से युद्ध के मैदान में सामना हुआ, तो भगवान श्री कृष्ण वहां से भागकर एक गुफा में छुप गए. जिस गुफा में दक्षिण कौशल के राजा मुचकुंद गहरी नींद में सो रहे थे. जिनको यह वरदान प्राप्त था कि जो भी उन्हें उनकी नींद से जगाएगा. वह जलकर भस्म हो जाएगा और इसीलिए कृष्ण भगवान उसी गुफा में आकर छुप गए. जब श्री कृष्ण भगवान को ढूंढते हुए यमन देश के राजा कालयवन गुफा में आए, तब मुचकुंद की नींद खुल गई और कालयवन वहीं पर जलकर भस्म हो गया और इसी वजह से भगवान श्री कृष्ण को रणछोड़राय के नाम से भी जाना जाता है|
राज रणछोड़ मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) की शिल्प कला
किसी भी प्राचीन धार्मिक स्थल की बनावट वहां के मुख्य आकर्षण का विषय होती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से काफी पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं. जोधपुर के राज रणछोड़ दास मंदिर (Raj Ranchhodji Temple) भी शिल्प कला में अपना अलग इतिहास रखता है|
मंदिर का मेन गेट लाल पत्थर से बना हुआ है जहां पर कलाकारी भी दिखाई गई है. गेट के दोनों तरफ कला कार्यों से युक्त क्षत्रिय हैं, तथा गेट से ऊपर की तरफ 30 चिड़िया चढ़ने पर तोरण द्वार है|
मंदिर के गर्भ गृह में काले मकराना पत्थर को तराश कर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाई गई है. इस मंदिर का निर्माण द्वारिका के पुजारियों की सलाह के अनुसार करवाया गया है|
पहले मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की 21 उत्सव मनाए जाते थे, किंतु समय के साथ साथ इन उत्सव में भी कमी आई है और अब उत्सव कम मनाए जाते हैं|
इस मंदिर में अब जन्माष्टमी अन्नकूट व सावन के महीने में झूलों का विशेष आयोजन करवाया जाता है, जहां सावन के महीना में 10 फीट ऊंची चांदी के झूले में भगवान श्री कृष्ण को विराजित किया जाता है, जिसके यहां आने वाले भक्तगण आसानी से दर्शन कर सकते हैं|
राज रणछोड़ मंदिर (Raj Ranchhodji Temple) खुलने का समय
मंदिर सुबह 6:30 बजे से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाता है जो दोपहर 12:00 बजे तक खुला रहता है, जिसके बाद मंदिर में श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर सकते हैं, तथा शाम को मंदिर 5:00 बजे खोला जाता है जो रात्रि 9:00 बजे तक खुला रहता है. इस दौरान कभी भी भक्तगण भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर सकते हैं|
कैसे पहुचे राज रणछोड़ मंदिर (Raj Ranchhodji Temple)
यदि आप राजस्थान के जोधपुर में स्थित राज रणछोड़ मंदिर (Raj Ranchhodji Temple) भ्रमण का विचार बना रहे हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान की जोधपुर में स्थित राज रणछोड़ जी के मंदिर (Raj Ranchhodji Temple) में पहुंचने के लिए आप बस ट्रेन तथा हवाई जहाज में से किसी की भी सहायता ले सकते हैं. मंदिर पहुंचने के लिए आप तीनों ही मार्ग ले सकते हैं, जिनके जरिए आप आसानी से मंदिर की यात्रा कर सकते हैं|
हवाई जहाज से
यदि आप अपने परिवार के साथ जोधपुर के राज रणछोड़ जी मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) दर्शन करने के लिए पधार रहे हैं, तो आपको बता दें, देश के प्रमुख शहरों तथा प्रमुख प्रदेशों से आप जोधपुर के लिए फ्लाइट ले सकते हैं और जोधपुर की यात्रा कर सकते हैं. जहां से जोधपुर हवाई अड्डे से आप राज रणछोड़ जी मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) के दर्शन के लिए अपनी सुविधा अनुसार टैक्सी, कैब या लोकल ट्रांसपोर्ट की सहायता ले सकते हैं और मंदिर दर्शन आसानी से कर सकते हैं|
ट्रेन से
यदि आप राजस्थान के जोधपुर में स्थित राज रणछोड़ जी मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) में भारतीय रेलवे की सहायता लेकर पधार ना चाहते हैं, तो आपको बता दें, जोधपुर का रेलवे स्टेशन भारत के चुनिंदा रेलवे स्टेशन में से एक है, जो शहर को देश के विभिन्न प्रदेशों तथा प्रमुख शहरों से जोड़ता है. आप किसी भी प्रदेश से या किसी भी शहर से जोधपुर की यात्रा रेलगाड़ी की सहायता से कर सकते हैं. तथा जोधपुर रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आप राज रणछोड़ जी मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) दर्शन के लिए अपनी सुविधा के अनुसार टैक्सी बुक कर सकते हैं|
सड़क मार्ग द्वारा
राजस्थान का जोधपुर सड़क मार्ग द्वारा राज्य के विभिन्न प्रमुख शहरों तथा प्रमुख प्रदेशों से जुड़ा हुआ है, जहां से आप आसानी से जोधपुर की यात्रा कर सकते हैं. जोधपुर बस स्टैंड से आप राज रणछोड़ जी मंदिर(Raj Ranchhodji Temple) दर्शन के लिए अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी तरह के ट्रांसपोर्ट की सहायता ले सकते हैं. या कैब बुक कर सकते हैं और आसानी से मंदिर दर्शन कर सकते हैं|