महाशिवरात्रि पर लगने वाले प्रसिद्ध मेले कौन कौन से हैं?
महाशिवरात्रि भगवान शिव और पार्वती के महामिलन दिवस पर मनाया जाता है । इसलिए देशभर के तमाम तीर्थ स्थानों व शिव के मंदिरों पर महाशिवरात्रि का त्योहार खूब धूमधाम से मनाया जाता है । भगवान शिव के अधिकतर मंदिरों पर महाशिवरात्रि के दिन मेले का आयोजन होता है । नीचे कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बात करते हैं जहां पर लगने वाला महाशिवरात्रि का मेला प्रसिद्ध होने के साथ साथ देश व दुनिया भर के पर्यटकों वह शिव भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं ।
सोमनाथ मंदिर महाशिवरात्रि का मेला | Shivratri ka mela kab hai
महाशिवरात्रि के पावन त्योहार पर भगवान शिव के प्रसिद्ध स्थान सोमनाथ मंदिर पर बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है । गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि जिस स्थान पर यह मंदिर है वहीं चंद्रमा ने तपस्या किया था जिसके फलस्वरूप चंद्रमा को श्राप से मुक्ति मिली थी । भगवान सोमनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना खुद भगवान चंद्रदेव के द्वारा की गई है । प्राचीन समय से इस मंदिर के प्रति चली आ रही आस्था लोगों में दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । यदि आप भी इस साल महाशिवरात्रि के त्योहार में किसी विशेष तीर्थ स्थान पर जाने की योजना बना रहे हैं तो सोमनाथ मंदिर पर लगने वाला मेला एक बेहतर विकल्प हो सकता है ।
केदारनाथ मंदिर महाशिवरात्रि का मेला
केदारनाथ मंदिर पर भगवान शिव के भक्तों की भीड़ हमेशा बनी रहती है । उत्तराखंड राज्य में स्थित यह खूबसूरत मंदिर दुनिया भर के सैलानियों के साथ शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है । इस मंदिर में स्थित भगवान शिव जी के प्रतीक चिन्ह शिव लिंग एक विशेष कोल्हू के आकार का है जो अन्य मंदिरों में स्थित शिव लिंग से भिन्न है । महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है । इस पास के राज्यों से काफी मात्रा में श्रद्धालु महाशिवरात्रि के दिन इस मेले में घूमने व भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं । अगर आप भी महाशिवरात्रि की बेला पर घर से बाहर किसी शिव मंदिर में जाना चाहते हैं तो केदारनाथ में आयोजित होने वाला यह मेला आपके लिए एक विकल्प हो सकता है।
महाकालेश्वर मंदिर महाशिवरात्रि का मेला
भगवान शिव के भक्तों की मान्यता है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन से विशेष पुण्य मिलता है । भगवान शिव का महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है । भगवान शिव के महाकालेश्वर मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग को दक्षिणमुखी शिव लिंग भी कहते हैं । महाशिवरात्रि के अवसर पर उज्जैन के इस महाकालेश्वर मंदिर पर लगने वाला मेला देश भर के शिव भक्तों में काफी प्रसिद्ध है । इस मंदिर में होने वाली विशेष भस्मारती पूरी दुनिया भर के शिव भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है ।
रामेश्वरम मंदिर महाशिवरात्रि का मेला
तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम मंदिर के बारे में हिंदू धर्म के ग्रंथ विशेष रूप से उल्लेखित करते हैं । रामायण की कथा के अनुसार इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम ने उस समय की थी जब वे लंका में युद्ध करने के लिए जा रहे थे और वानर सेना सहित सेतु निर्माण का कार्य कर रहे थे ।भगवान शिव और राम के बीच संबंध बताने वाले इस मंदिर का महत्व हिंदू धर्म की कई पौराणिक किताबों में देखने को मिलता है। वैसे तो भगवान शिव के इस मंदिर पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहते हैं लेकिन महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां एक विशाल मेले का आयोजन होता है । जिसे देखने के लिए पूरी दुनिया भर से लोग यहां आते हैं । यदि आप तमिलनाडु व आस पास के क्षेत्र से रहने वाले हैं तो विश्व प्रसिद्ध इस मेले का लाभ अवश्य उठाएं।
नीलकंठ महादेव मंदिर महाशिवरात्रि मेला
उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है और हरिद्वार को भगवान का द्वार कहते हैं । हरिद्वार में स्थित नीलकंठ मंदिर में पूरे भारत भर से लोग भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। महाशिवरात्रि के दिन यहां एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है । जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग हरिद्वार पहुंचते हैं । यदि आप भी हरिद्वार जाने का मन बना रहे हैं तो महाशिवरात्रि का दिन आपके लिए सर्वोत्तम हो सकता है ।
ईशा योग केंद्र महाशिवरात्रि मेला
तमिलनाडु राज्य के कोयम्बटूर नामक शहर में आधुनिक मेला लगता है । देश के प्रसिद्ध आध्यात्म प्रवक्ता सदगुरु ने इस मेले की रूपरेखा रखी है । इस मेले में आदि योगी भगवान शिव के लाखों भक्त तथा सदगुरु के शिष्य महाशिवरात्रि की रात में इसी जगह पर इकट्ठे होते हैं । लाखों की संख्या में यहां आने वाले लोग पूरा वर्ष महाशिवरात्रि की प्रतीक्षा करते रहते हैैं। सदगुरु ने यहीं पर भगवान शिव की 112 फीट की स्टील की मूर्ति स्थापित की है । इस मेले में व्यापारियों और दुकानों के अलावा सदगुरु की अध्यात्म संध्या भी दर्शनीय होती है । हजारों की संख्या में सदगुरु के शिष्य व भगवान भोलेनाथ के भक्त नृत्य करते हैं , संगीत बजाते हैं। इसलिए यह मेला लोगों को अधिक उल्लास से भर देता है । आध्यात्मिक विचारधारा को मानने वाले लोग यदि महाशिवरात्रि का त्योहार घर से बाहर मनाना चाहते हैं तो उनके लिए यह स्थान सर्वश्रेष्ठ है।
उमानंद मंदिर महाशिवरात्रि मेला
उमानंद मंदिर असम राज्य के गुवाहाटी में पड़ता है । असम राज्य में यह मंदिर काफी चर्चित है । यह मंदिर ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे स्थित मोर द्वीप पर स्थित है । मंदिर में महाशिवरात्रि को एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है । देश भर से लाखों की संख्या में शिव भक्त यहां आयोजित होने वाले महाशिवरात्रि के मेला उत्सव को देखने के लिए आते हैं । यदि आप भी असम राज्य में रहते हैं अथवा आस पास रहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन यह मेला देखने जा सकते हैं।
भूतनाथ मंदिर महाशिवरात्रि मेला
हिमाचल प्रदेश में स्थित मंडी नामक शहर में भूतनाथ मंदिर पर लगने वाला मेला देश भर में प्रसिद्ध है । ऐसी मान्यता है कि भूतनाथ मंदिर का मेला वहां के एक शाही परिवार द्वारा पांचवीं शताब्दी में प्रारंभ कराया गया था। तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर इस मेले का आयोजन होता है । आस पास व देश भर से शिव भक्त इस मेले में बड़े उल्लास के साथ सम्मिलित होते हैं।
भावनाथ महाशिवरात्रि मेला
गुजरात राज्य के जूनागढ़ में लगने वाला भावनाथ का मेला देश में भर काफी लोकप्रिय है । हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी से लेकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह मेला यह मेला संयुक्त रूप से हिंदू तथा जैन धर्म के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। भावनाथ में स्थित शिव मंदिर के इतिहास के बारे में ऐसी मान्यता है कि एक बार महाशिवरात्रि की रात में भगवान शिव ने प्रलय से जुड़ा हुआ तांडव नृत्य यहीं किया था। इस मेले में एक विशेष प्रकार की महापूजा शुरू होती है । आधी रात में नागा साधु इस विशेष महापूजा में शामिल होने के लिए से सज धज कर हाथी के साथ इस मंदिर में पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है साधुओं की चलने वाली इस टोली में भगवान शिव स्वयं मौजूद होते हैं । सभी साधू सन्यासी शिव की भक्ति में भाव विभोर होकर नृत्य करते हैं । इसलिए भावनाथ का मेला महाशिवरात्रि की रात को देखने योग्य होता है ।
वनखंडी महादेव चकरपुर महाशिवरात्रि का मेला
उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले व उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद के बार्डर पर लगने वाला वनखंडी महादेव चकरपुर का मेला उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है । इस पास के लगभग सभी जनपदों से व्यापारी इस मेले में अपनी दुकानें लगाते हैं। दशकों से चले आ रहे इस मेले में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नेपाल तक से श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं । यदि आप उत्तर भारत के रहने वाले हैं तो महाशिवरात्रि में लगने वाले इस विशाल मेले को देखने जा सकते हैं।
अनूपपुर का महाशिवरात्रि मेला
मध्यप्रदेश राज्य के अनूपपुर जिले में लगने वाला मेला मध्य भारत में काफी लोकप्रिय है । देश भर से तमाम व्यापारी इस मेले में अपना व्यापार करने के लिए आते हैं । महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर लगने वाला यह मेला आठ दिनों तक चलता है । इस मेले में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं आस पास के अन्य राज्यों से लोग भारी संख्या में मेला देखने के लिए आते हैं।
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? महाशिवरात्रि के धार्मिक, वैज्ञानिक आध्यात्मिक महत्व
महाशिवरात्रि कैसे मनाते हैं? महाशिवरात्रि पर पूजा करने के क्या नियम हैं?
Frequently Ask Questions (FAQ)
1- महाशिवरात्रि का मेला कब लगता है ?
महाशिवरात्रि का मेला हर साल हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को लगता है । अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि बदलती रहती है । इस साल 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को है।
2- महाशिवरात्रि में सबसे प्रसिद्ध पशु मेला कहां लगता है ?
महाशिवरात्रि में कई जगहों पर पशु मेलों का आयोजन होता है । करौली जिले में लगने वाला पशु मेला काफी प्रसिद्ध है । महाशिवरात्रि के दिन लगने आयोजित होने वाले इस मेले का नाम भी शिवरात्रि पशु मेला रख दिया गया है।
3- 2023 में महाशिवरात्रि का मेला कब है ?
2023 में लगने वाला महाशिवरात्रि का मेला अंग्रेजी तिथि के अनुसार 18 फरवरी को लगेगा।